कोयला संकट की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने की मांग |

कोयला संकट की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने की मांग

कोयला संकट की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने की मांग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : October 19, 2021/7:29 pm IST

लखनऊ, 19 अक्टूबर (भाषा) बिजली अभियंताओं के एक अखिल भारतीय संगठन ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर एनर्जी एक्सचेंज में बिजली की कथित कालाबाजारी को रोकने के लिए फोरम ऑफ़ रेगुलेटर्स की तत्काल बैठक बुलाने और कोयला संकट की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने की मांग की है।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने मंगलवार को केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह को भेजे गए पत्र में मांग की है कि एनर्जी एक्सचेंज में निजी कंपनियां 20 रुपए प्रति यूनिट तक की मनमानी दरों पर बिजली बेच रही हैं। इस कालाबाजारी को रोकने के लिए तत्काल फोरम ऑफ रेगुलेटर्स की बैठक बुलाई जाए और एनर्जी एक्सचेंज में बिजली बेचने की अधिकतम दर तय की जाए।

दुबे ने पत्र में कहा कि सरकार फोरम ऑफ रेगुलेटर्स इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 के अनुच्छेद 62(1) ए के प्रावधानों के अनुसार बिजली की कालाबाजारी रोके और सुनिश्चित करे कि एनर्जी एक्सचेंज में किसी भी स्थिति में पांच रुपये प्रति यूनिट से अधिक की कीमत पर बिजली न बेची जा सके।

उन्होंने पत्र में देश में जारी कोयला संकट का जिक्र करते हुए इस संकट की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति के गठन की भी मांग करते हुए कहा कि यह समिति ऐसे संकट से बचने के उपाय सुझाए जिससे भविष्य में ऐसा संकट उत्पन्न ना होने पाए। इस उच्च स्तरीय समिति में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के प्रतिनिधि भी शामिल किए जाएं जो कोयले की स्थिति पर लगातार नजर रखते हैं।

फेडरेशन ने इस बात पर भी चिंता प्रकट की है कि बिजली संकट के इस दौर में मूंदड़ा स्थित 4000 मेगावाट के टाटा बिजली घर और 4000 मेगावाट के अडाणी बिजली घर को पूरी तरह बंद कर दिया गया है जबकि इन बिजली घरों को आयातित कोयले से संचालित किया जाता है और भारत में उत्पन्न कोयला संकट से यह बिजली घर किसी भी प्रकार प्रभावित नहीं हैं।

दुबे ने कहा कि आयातित कोयले से चलने वाले लगभग 30 फीसद बिजली घर इस संकट के दौर में बंद हैं जिन्हे चलवाना केंद्र तथा राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। बिजली संकट की इस घड़ी में टाटा और अडाणी जैसे निजी घरानों द्वारा बिजली घर बंद कर देना अत्यंत गैर जिम्मेदाराना कृत्य है जिसके लिए इन पर सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।

भाषा सलीम प्रशांत

प्रशांत

 

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