मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: अमरमणि और मधुमणि जेल से रिहा

मधुमिता शुक्ला हत्याकांड: अमरमणि और मधुमणि जेल से रिहा

Modified Date: August 25, 2023 / 08:23 pm IST
Published Date: August 25, 2023 8:23 pm IST

गोरखपुर (उप्र), 25 अगस्त (भाषा) कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को शुक्रवार शाम को जेल से रिहा कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश शासन के कारागार प्रशासन एवं सुधार अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने बृहस्पतिवार को राज्य की 2018 की रिहाई नीति का जिक्र करते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई संबंधी एक आदेश जारी किया था।

अधिकारी ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और जेल में अच्छे आचरण का जिक्र किया। अमरमणि की उम्र 66 वर्ष है और मधुमणि 61 वर्ष की हैं।

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गोरखपुर जेल के जेलर एके कुशवाहा ने बताया कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया क्योंकि अमरमणि 66 वर्ष के हैं और मधुमणि 61 वर्ष की हैं। उन्होंने कहा कि दोनों को जेल हिरासत से रिहा कर दिया गया है, लेकिन वे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही रहेंगे।

इस बीच, बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उनके माता-पिता चिकित्सकों की निगरानी में हैं और चिकित्सकीय सलाह के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

महराजगंज जिले की लक्ष्‍मीपुर (अब नौतनवा) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित अमरमणि त्रिपाठी कल्‍याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान वह समाजवादी पार्टी (सपा) में थे और फिर वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में चले गये।

उच्चतम न्यायालय ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कवयित्री की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार, त्रिपाठी और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।

कवयित्री मधुमिता की नौ मई, 2003 को पेपर मिल कॉलोनी, लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, घटना के वक्त वह गर्भवती थीं।

अमरमणि त्रिपाठी को सितंबर, 2003 में कवयित्री की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जिनके साथ वह कथित तौर पर रिश्ते में थे। इस मामले की जांच केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) को दी गयी थी।

देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर, 2007 में मधुमिता की हत्या के लिए अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद नैनीताल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी दंपति की सजा को बरकरार रखा था।

भाषा सं जफर आनंद

संतोष

संतोष


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