ज्ञानवापी मामला : केस की सुनवाई कर रहे सिविल जज रवि कुमार को मिली धमकी, बढ़ाई सुरक्षा

Gyanvapi case: Civil judge Ravi Kumar hearing the case received threats, increased security : ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी का आदेश देने वाले दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर को मंगलवार को एक धमकी...

ज्ञानवापी मामला : केस की सुनवाई कर रहे सिविल जज रवि कुमार को मिली धमकी, बढ़ाई सुरक्षा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: June 8, 2022 12:17 am IST

वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर के वीडियोग्राफी का आदेश देने वाले दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर को मंगलवार को एक धमकी भरा पत्र मिला है। वाराणसी के पुलिस आयुक्त ने बताया कि न्यायाधीश की सुरक्षा में नौ पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और इस मामले की जांच की जा रही है। वाराणसी के दीवानी न्यायाधीश दिवाकर ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त वाराणसी को पत्र लिखकर धमकी मिलने की जानकारी दी है। अधिकारियों को भेजे गये पत्र में दिवाकर ने लिखा है कि उन्हें यह पत्र ‘इस्लामिक आगाज़ मूवमेंट’ की ओर से काशिफ अहमद सिद्दीकी द्वारा भेजा गया है।

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इस संदर्भ में वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि न्यायाधीश दिवाकर को रजिस्टर्ड डाक द्वारा एक पत्र मिला है, जिसमें कुछ और कागज संलग्न है, इसकी जानकारी उनके द्वारा अभी दी गयी है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के पुलिस उपायुक्त वरुणा को इस प्रकरण की जांच सौंपी गई है। गणेश ने बताया कि न्यायाधीश कुमार की सुरक्षा में कुल नौ पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और समय समय पर उनके सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है।

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न्यायाधीश को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है। पत्र में लिखा गया है, ‘अब न्यायाधीश भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं। फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं। आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं, आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है। फिर आपकी पत्नी और माता श्री को डर कैसा है। उसमें लिखा है, “आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देख कर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) हैं। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे।”

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गौरतलब हैं कि न्यायाधीश दिवाकर की अदालत ने 26 अप्रैल को ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने के आदेश दिए थे। इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी। सर्वेक्षण के दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया था जिसे मुस्लिम पक्ष ने खारिज करते हुए कहा था कि वह”शिवलिंग’ नहीं, बल्कि ‘फव्वारा’ है। इसी बीच उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की एक याचिका पर मामले को जिला न्यायाधीश की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में अर्जी दायर कर कहा था कि यह मामला उपासना स्थल कानून के प्रावधानों के खिलाफ है लिहाजा यह सुनवाई किए जाने योग्य ही नहीं है।

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