लखनऊ, 20 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने के लक्ष्य के साथ बृहस्पतिवार को लखनऊ में एक राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, “शिक्षा में नवाचार, प्रगति की नींव- विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ विषय वाले इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली के भविष्य, शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण, नई तकनीक के इस्तेमाल, आधारभूत शिक्षण परिणामों में सुधार और विकसित भारत 2047 के विजन में प्रदेश की भूमिका पर गहन चर्चा हुई।”
सम्मेलन में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि राज्य की शिक्षा प्रणाली में हाल के सुधार अब जमीनी स्तर पर ठोस प्रभाव दिखा रहे हैं फिर चाहे वह स्मार्ट कक्षाओं के माध्यम से हो, ई-लर्निंग संसाधनों के जरिये या शिक्षक प्रशिक्षण के लिए डिजिटल सुविधाओं के माध्यम से हो।
अपर मुख्य सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश के सपने को साकार करने के लिए पारदर्शिता, गुणवत्ता, समान अवसर और नवाचार के आधार पर शिक्षा का पुनर्गठन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण, वैश्विक स्तर की शिक्षण पद्धतियां और मूलभूत शिक्षण परिणामों में सुधार शिक्षा सुधार यात्रा के मुख्य स्तंभ हैं।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक मोनिका रानी ने कहा कि यह एक ऐसा युग है, जहां तकनीकी हस्तक्षेप, डिजिटल सामग्री, कौशल-आधारित शिक्षण और अंतरराष्ट्रीय अनुभव शिक्षा प्रणाली के आवश्यक तत्व बन गए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर नवाचार की यही प्रगति जारी रही तो आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी शिक्षा मॉडल बन जाएगा।
भाषा सलीम जितेंद्र
जितेंद्र