चर्च में कराया जा रहा था सामूहिक धर्मांतरण, इस नामी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति समेत चार के खिलाफ मामला दर्ज
चर्च में कराया जा रहा था सामूहिक धर्मांतरण, इस नामी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति समेत चार के खिलाफ मामला दर्ज : Mass conversion was being done in the church
Conversion case in Mhow MP
फतेहपुर : Mass conversion was being done in the church : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में चर्चित सामूहिक धर्मांतरण मामले में पुलिस ने प्रयागराज के नैनी स्थित कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति, सहित चार लोगों के खिलाफ नोटिस जारी कर बृहस्पतिवार को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है। घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए मामले के जांच अधिकारी अमित मिश्रा ने कहा, प्रयागराज के नैनी स्थित सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रिकल्चर टेक्नोलाजी एंड साइंस (शुआट्स) के कुलाधिपति डॉक्टर जेटी ओलिवर, कुलपति बिशप राजेंद्र बी. लाल और प्रशासनिक अधिकारी विनोद बी. लाल का बयान दर्ज करने के लिए इन्हें नोटिस जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज निवासी बिशप पाल को भी नोटिस जारी किया गया है। शुआट्स उत्तर प्रदेश में एक अग्रणी कृषि विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना एक शताब्दी पहले की गई थी। मिश्रा ने बताया कि ये नोटिस सोमवार को जारी किए गए और इन चारों को अपना बयान दर्ज करने के लिए 29 दिसंबर को कोतवाली पुलिस थाना में हाजिर होने को कहा गया है।
Mass conversion was being done in the church : कोतवाली थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अमित मिश्रा ने बुधवार को बताया कि शहर के हरिहरगंज स्थित इवेजिकल चर्च में गरीबों को धन प्रलोभन देकर सामूहिक धर्मांतरण कराए जाने के मामले में 15 अप्रैल 2022 को शहर कोतवाली में 36 नामजद और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। उन्होंने बताया, ‘‘इनमें 53 आरोपियों को अदालत से जमानत मिल चुकी है, लेकिन तीन नामजद आरोपी अब भी फरार हैं। अब तक की जांच में सामने आया कि चर्च के लिए विदेशों की संस्थाओं से धन आता रहा है और यह धन नैनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के माध्यम से इवेजिकल चर्च को हस्तांतरित होता रहा है।’’
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कोतवाल/विवेचक अमित मिश्रा ने बताया, ‘‘धर्मांतरण के लिए आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को प्रलोभन दिया गया। इस काम में बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। चर्च संबंधी बैंक खातों और अन्य जांच की गई। चर्च की संस्था में फंडिंग की बात सामने आई है।’’ जांच अधिकारी ने कहा, जांच के दौरान पाया गया कि अवैध धर्मांतरण के लिए विदेश से धन प्राप्त किया गया। इसमें से कुछ पैसा ब्रिटेन से विनोद बी लाल के खाते में आया जिसे इस मामले में आरोपियों को बांटा गया।

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