विधानसभा समितियों के सभापतियों के नाम की घोषणा

विधानसभा समितियों के सभापतियों के नाम की घोषणा

विधानसभा समितियों के सभापतियों के नाम की घोषणा
Modified Date: December 12, 2022 / 09:53 pm IST
Published Date: December 12, 2022 9:53 pm IST

लखनऊ, 12 दिसंबर (भाषा) उत्‍तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने सोमवार को विधानसभा की समितियों के सभापतियों के नामों की घोषणा कर दी है। इसके अलावा लोक-लेखा समिति का गठन भी कर दिया गया, जिसके सभापति निर्वाचन के उपरान्त नियुक्त किए जाएंगे।

लोक लेखा समिति के सभापति के लिए निर्वाचन की प्रक्रिया अपनाई जाती है।

सोमवार को विधानसभा से जारी बयान के अनुसार सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष के आदेशों के क्रम में वित्तीय व संसदीय समितियों के सभापतियों के नाम निर्देशित किये गये हैं।

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बयान के अनुसार सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति के लिए मनीष असीजा, प्राक्कलन समिति के लिए लोकेन्द्र प्रताप सिंह, स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच संबंधी समिति के लिए सुनील कुमार शर्मा, महिला एवं बाल विकास संबंधी संयुक्त समिति- नीलिमा कटियार, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजातियों एवं विमुक्त जातियों संबंधी संयुक्त समिति- श्रीराम चौहान, पंचायती राज समिति विपिन कुमार डेविड और प्रतिनिहित विधायन समिति के लिए अमित अग्रवाल को सभापति नियुक्त किया गया है।

बयान के अनुसार अध्यक्ष, विधानसभा के सभापतित्व में संचालित की जाने वाली समितियां, यथा, प्रश्न एवं संदर्भ, विधान पुस्तकालय, नियम, संसदीय शोध संदर्भ एवं अध्ययन, विशेषाधिकार, याचिका, आचार एवं अनुश्रवण समिति संचालित होंगी। इसमें कहा गया है कि इसके अतिरिक्त लोक-लेखा समिति का गठन भी कर दिया गया है, जिसके सभापति निर्वाचन के उपरान्त नियुक्त किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा में लोक लेखा समिति, याचिका समिति, प्राक्कलन समिति, विशेषाधिकार समिति, नियम समिति, कार्य मंत्रणा समिति, पंचायती राज समिति, आश्वासन समिति जैसी संसदीय समितियों का गठन किया जाता है और इन्हीं के माध्यम से सदन सत्र में न रहते हुए भी निरंतर कार्य करता रहता है।

गौरतलब है कि उत्‍तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के गठन के करीब नौ माह बाद भी विधानसभा की समितियों का गठन न किये जाने का मामला उठाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने छह दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कहा था कि इस वर्ष सदन का तीसरा सत्र चल रहा है लेकिन अब तक समितियों का गठन नहीं किया गया है, इससे लोकतांत्रिक प्रणाली कमजोर होगी।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने व्यवस्था देते हुए संसदीय कार्य मंत्री को वह एक सप्ताह के अंदर समितियों के गठन की प्रक्रिया पूरी करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन छह दिसंबर को दोपहर बाद सपा के मुख्‍य सचेतक मनोज पांडेय, वरिष्ठ सदस्य माता प्रसाद पांडेय और लालजी वर्मा ने नियम 300 के तहत यह मामला उठाया और अध्यक्ष से समितियों के गठन की मांग की थी।

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने कहा था कि व्यस्तता की वजह से समितियों का गठन नहीं हो सका लेकिन जल्द ही समितियों का गठन कर दिया जाएगा।

भाषा आनन्द रंजन

रंजन


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