इन कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश, संभाल रहे थे इस मंदिर की सुरक्षा, जानें क्यों उठाया गया ऐसा कदम

इन कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश, संभाल रहे थे इस मंदिर की सुरक्षा, Order to sack security personnel deployed at Ayodhya's Ram Mandir

इन कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश, संभाल रहे थे इस मंदिर की सुरक्षा, जानें क्यों उठाया गया ऐसा कदम
Modified Date: May 18, 2025 / 11:04 pm IST
Published Date: May 18, 2025 6:01 pm IST

अयोध्याः Order to sack security personnel उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के सुरक्षा व्यवस्था ढांचे में भी बदलाव किया गया है। महाकुंभ के दौरान लाखों की संख्या में दर्शनार्थियों के आगमन को देखते हुए एसआईएस सिक्योरिटी एजेंसी ने करीब 450 प्राइवेट सुरक्षा गार्डों की तैनाती की थी। लेकिन अब श्रद्धालुओं की भीड़ कम होने के बाद इन्हें कम किया जा रहा है। एसआईएस एजेंसी ने करीब 250 महिला एवं पुरुष सुरक्षा गार्डों की सेवाएं समाप्त कर दी हैं। इनमें कई महिला सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।

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Order to sack security personnel मिली जानकारी के अनुसार इनमें कई महिला सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं, जो मंदिर परिसर में विशेष जिम्मेदारी संभाल रही थीं। इन सभी के प्रवेश पास भी वापस ले लिए गए हैं, जिससे अब ये सुरक्षाकर्मी राम मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते। सूत्रों का कहना है कि श्रद्धालुओं की घटती संख्या और आय में आई गिरावट के कारण यह छंटनी की गई है। लेकिन इसके साथ ही यह भी सामने आया है कि कुछ सुरक्षाकर्मियों पर अनुशासनहीनता, कदाचार और दर्शन व आरती पास के नाम पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगे थे। इन शिकायतों ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था की छवि को धूमिल किया, बल्कि श्रीराम जन्मभूमि की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाया।

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आर्थिक संकट का करना पड़ेगा सामना

मंदिर प्रशासन इस मामले में फिलहाल चुप्पी साधे हुए है। अधिकारियों का कहना है कि यह एजेंसी और प्रशासन के बीच का आंतरिक अनुबंध है, और मंदिर ट्रस्ट की इसमें सीधी भूमिका नहीं है।एसआईएस के सुरक्षाकर्मी न सिर्फ राम मंदिर, बल्कि विश्व हिंदू परिषद के अन्य संस्थानों की सुरक्षा में भी तैनात थे। लेकिन अब बचे हुए गार्डों पर काम का अतिरिक्त भार पड़ रहा है।फिलहाल, राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को दोबारा संतुलित किया जा रहा है, लेकिन यह छंटनी उन परिवारों के लिए बड़ा झटका है, जिनकी रोजी-रोटी इसी पर निर्भर थी।


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