पुलिस संपत्ति पर अतिक्रमण पाए जाने के बाद मथुरा में पुलिस के भूमि अभिलेखों की समीक्षा की जा रही है

पुलिस संपत्ति पर अतिक्रमण पाए जाने के बाद मथुरा में पुलिस के भूमि अभिलेखों की समीक्षा की जा रही है

पुलिस संपत्ति पर अतिक्रमण पाए जाने के बाद मथुरा में पुलिस के भूमि अभिलेखों की समीक्षा की जा रही है
Modified Date: November 4, 2025 / 08:42 pm IST
Published Date: November 4, 2025 8:42 pm IST

मथुरा (उप्र), चार नवम्बर (भाषा) मथुरा जनपद की मांट तहसील में पुलिस आवास के लिए 1992 में ग्राम पंचायत से मिली तीन एकड़ से अधिक जमीन पर अवैध कब्जे हो जाने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने जिले के सभी क्षेत्राधिकारियों को जल्द से जल्द पुलिस विभाग की हर भूमि का चिह्नांकित करने तथा राजस्व विभाग से रिकॉर्ड हासिल कर ब्यौरा पेश करने के निर्देश दिए हैं।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कहना है कि इससे सभी संबंधित मामलों की प्रभावी अदालती पैरवी करके उनका कब्जा लिया जा सके।

शनिवार को मांट तहसील में आयोजित ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ में जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) श्लोक कुमार के संज्ञान में यह बात सामने आयी कि वहां 33 वर्ष पूर्व पुलिस विभाग को आवासीय भवन निर्माण के लिए ग्राम समाज द्वारा 1.2680 हैक्टेअर (तीन एकड़ से अधिक) भूमि आवंटित की गई थी।

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उन्हें यह भी पता चला कि विभाग की शिथिलता के चलते स्थानीय निवासियों ने न केवल उस जमीन पर कब्जा कर लिया, बल्कि संबंधित राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर पुलिस की कीमती जमीन अपने खाते में भी दर्ज कराकर कब्जा कर लिया और पुलिस का बोर्ड तक उखाड़ कर फेंक दिया, तब, वे सन्न रह गए।

अब एसएसपी ने सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में पुलिस की जमीनों का चिह्नांकन कर रिकॉर्ड हासिल करने को कहा है। साथ ही, उन्होंने अदालतों में चल रहे ऐसे मामलों में गंभीरता से प्रभावी कार्रवाई कर जमीन पर कब्जा हासिल करने के निर्देश दिए हैं।

एसएसपी ने कहा कि एक तरफ तो जिले की पुलिस लाइंस में पुलिसकर्मियों की संख्या को देखते हुए अपेक्षित संख्या में आवास तक उपलब्ध नहीं हैं, वहीं दूसरी ओर जिले में विभाग को आवंटित कई जमीनें ऐसी भी है जिन पर कब्जा होना तो दूर, जरूरी जानकारी भी उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने पुलिस की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं जिससे भविष्य में कोई ऐसा करने के बारे में सोच भी न सके।

भाषा सं जफर अमित राजकुमार

राजकुमार


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