उप्र में नदियों के पुनरुद्धार और जल संरक्षण पारितंत्र के लिए समग्र रणनीति पेश

उप्र में नदियों के पुनरुद्धार और जल संरक्षण पारितंत्र के लिए समग्र रणनीति पेश

उप्र में नदियों के पुनरुद्धार और जल संरक्षण पारितंत्र के लिए समग्र रणनीति पेश
Modified Date: July 10, 2025 / 05:36 pm IST
Published Date: July 10, 2025 5:36 pm IST

लखनऊ, 10 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने नदियों के पुनरुद्धार और जल संरक्षण पारितंत्र के लिए एक समन्वित रणनीति अपनाई है जिसके तहत प्रदेश की प्रत्येक नदी को उसके स्रोत से लेकर अंतिम संगम बिंदु तक चिन्हित किया जाएगा और संबंधित सभी जिलों को संयुक्त कार्ययोजना बनाकर जरूरी कदम उठाने होंगे।

सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि इसका उद्देश्य सिर्फ नदी को फिर से प्रवाहित करना नहीं, बल्कि जल गुणवत्ता, जल उपलब्धता और जैव विविधता को टिकाऊ तरीके से संरक्षित करना भी है।

बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सभी जिलों और विभागों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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निर्देशों के तहत नदियों की जलधारा को सुगम बनाने के लिए गाद निकासी, ‘चैनलाइजेशन’ व ‘कोर्स करेक्शन’ जैसे तकनीकी उपाय किए जाएंगे। साथ ही अतिक्रमण मुक्त क्षेत्र विकसित कर वहां सघन वृक्षारोपण कराना भी अनिवार्य होगा।

उल्लेखनीय है कि योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश की नदियों को “जीवित धरोहर” के रूप में संरक्षित करने की दिशा में अहम कदम है। यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है।

बयान में कहा गया है कि कोई नदी अपने संगम क्षेत्र तक पहुंचने के लिए जितने भी जिलों से होकर गुजरेगी, उन सभी जनपदों पर नदी के पुनरुद्धार का दायित्व होगा।

इसके मुताबिक, हर जिले को अपने हिस्से में आने वाले नदी के क्षेत्र की सफाई, जलधारा पुनर्स्थापन और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार करनी होगी।

इन नदियों के पुनरुद्धार में संबंधित जिलों को मिलकर संरक्षणात्मक कार्य, जैसे तालाबों का जीर्णोद्धार, जलग्रहण क्षेत्र में चेक डैम आदि बनाना होगा। नदी से जुड़ी तालाब श्रृंखलाएं भी चिन्हित कर संरक्षित की जाएंगी।

भाषा राजेंद्र नोमान

नोमान


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