प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने लखनऊ में स्‍थापित राष्ट्र प्रेरणा स्थल देश को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने लखनऊ में स्‍थापित राष्ट्र प्रेरणा स्थल देश को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने लखनऊ में स्‍थापित राष्ट्र प्रेरणा स्थल देश को समर्पित किया
Modified Date: December 25, 2025 / 04:08 pm IST
Published Date: December 25, 2025 4:08 pm IST

लखनऊ, 25 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्‍म शताब्‍दी वर्ष के मौके पर यहां लखनऊ के राष्ट्र प्रेरणा स्थल को देश को समर्पित किया और यहां स्थापित पं श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण कर अपनी पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री मोदी यहां पूर्व प्रधानमंत्री ”भारत रत्न” अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती के अवसर पर यहां हरदोई रोड पर गोमती नदी के तट पर ”राष्ट्र प्रेरणा स्थल” का लोकार्पण करने के बाद पं श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण कर अपनी पुष्पांजलि अर्पित की।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी मौजूद रहे।

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एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्र प्रेरणा स्थल में वाजपेयी के साथ ही डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की भव्य कांस्य प्रतिमाएं भी लगाई गई हैं। इसके साथ ही एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी विकसित किया गया है, जहां राष्ट्र निर्माण में इन दूरदर्शी नेताओं के अमूल्य योगदान के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।

राष्ट्र प्रेरणा स्थल को एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय स्मारक और चिरस्थायी राष्ट्रीय महत्व के प्रेरणादायक परिसर के रूप में विकसित किया गया है।

लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित और 65 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला यह परिसर, नेतृत्व मूल्यों, राष्ट्रीय सेवा, सांस्कृतिक चेतना और जन प्रेरणा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक स्थायी राष्ट्रीय धरोहर के रूप में परिकल्पित है।

बयान में कहा गया है कि इस परिसर में श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और भारत रत्न वाजपेयी की 65 फुट ऊंची कांस्य प्रतिमाएं हैं, जो भारत के राजनीतिक चिंतन, राष्ट्र निर्माण और सार्वजनिक जीवन में उनके महत्वपूर्ण योगदान का प्रतीक हैं।

इसमें कमल के आकार की संरचना में निर्मित एक अत्याधुनिक संग्रहालय भी है, जो लगभग 98,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है।

भाषा सलीम आनन्द

मनीषा रंजन

रंजन


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