सूचना देने में देरी पर जनसंपर्क अधिकारी को मिली अनोखी सजा, 250 बच्चों को भोजन कराने का फरमान

राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने सोमवार को भूपेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए गाजीपुर के नूनरा गांव के विकास अधिकारी और जन सूचना अधिकारी चंद्रिका प्रसाद को गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले 250 बच्चों को एक वक्त भोजन कराने के निर्देश दिये।

सूचना देने में देरी पर जनसंपर्क अधिकारी को मिली अनोखी सजा, 250 बच्चों को भोजन कराने का फरमान

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: April 27, 2022 3:15 pm IST

लखनऊ, 27 अप्रैल । Public Information Officer unique punishment: उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने गाजीपुर जिले में तैनात एक जन सूचना अधिकारी को सूचना देने में देर करने पर अनूठी सजा सुनायी है। अधिकारी को ‘सांकेतिक दण्ड’ के तौर पर जिले के एक प्राथमिक विद्यालय में 250 बच्चों को भोजन कराने के निर्देश दिए गए हैं।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

Public Information Officer unique punishment: राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने सोमवार को भूपेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए गाजीपुर के नूनरा गांव के विकास अधिकारी और जन सूचना अधिकारी चंद्रिका प्रसाद को गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले 250 बच्चों को एक वक्त भोजन कराने के निर्देश दिये।

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सूचना आयुक्त ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता को सूचना देने में जन सूचना अधिकारी ने विलम्ब किया। अधिकारी को निर्देश दिये गये हैं कि वह आगामी 29 अप्रैल को मध्याह्न भोजन के समय में बच्चों को भोजन कराएं। साथ ही उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग करके आयोग को भी भेजने को कहा गया है।

आरटीआई याचिकाकर्ता ने वर्ष 2016 में याचिका के जरिये नूनरा गांव में कराए गए विकास कार्यों और उसके एवज में चुकाए गए धन के बारे में सूचना मांगी थी।

मामले की सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त ने पाया कि जन सूचना अधिकारी चंद्रिका प्रसाद ने सूचना देने में जानबूझकर देर नहीं की, बल्कि कुछ अपरिहार्य कार्यक्रमों की वजह से ऐसा हुआ, लिहाजा उन्हें एक सांकेतिक दण्ड दिया गया है।

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उप्रेती ने यह भी आदेश दिया कि इस भोजन का खर्च 25 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिये। उप्रेती ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि आमतौर पर सूचना देने में देर करने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।

सूचना का अधिकार कानून के तहत जन सूचना अधिकारियों को अधिकतम 30 दिन के अंदर सूचना उपलब्ध कराना जरूरी है। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com