लखनऊ, 23 अप्रैल (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के दिल्ली उच्च न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में तबादले को रद्द करने की मांग वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
अपने आदेश में अदालत ने कहा कि स्थानांतरण, शपथ लेना और न्यायाधीश का कामकाज भारत के संविधान के अनुच्छेद 217(1)(बी) के साथ सह पठित अनुच्छेद 124(4) के तहत संरक्षित है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने विकास चतुर्वेदी की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया।
न्यायमूर्ति वर्मा एक विवाद में हैं, जिसमें दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास से आग लगने की घटना के बाद कथित तौर पर भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई थी।
याची ने न केवल न्यायमूर्ति वर्मा के इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने संबधी आदेश को चुनौती दी थी बल्कि यह भी मांग की थी कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को न्यायमूर्ति वर्मा को शपथ न दिलाने का निर्देश दिया जाए।
जब जनहित याचिका दायर की गई थी, तब न्यायमूर्ति वर्मा को शपथ नहीं दिलाई गई थी, लेकिन बाद में याचिका लंबित रहने के दौरान उन्हें शपथ दिलाई गई।
भाषा सं जफर नोमान
नोमान
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