लखनऊ से रवाना होगी ब्रह्मोस की पहली खेप, शनिवार को रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री करेंगे शुरुआत

लखनऊ से रवाना होगी ब्रह्मोस की पहली खेप, शनिवार को रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री करेंगे शुरुआत

लखनऊ से रवाना होगी ब्रह्मोस की पहली खेप, शनिवार को रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री करेंगे शुरुआत
Modified Date: October 17, 2025 / 03:02 pm IST
Published Date: October 17, 2025 3:02 pm IST

लखनऊ, 17 अक्टूबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरोजिनी नगर स्थित ब्रह्मोस एयरोस्पेस इकाई से तैयार की गई ब्रह्मोस मिसाइलों की पहली खेप शनिवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

बयान में कहा गया है कि यह दिन न केवल ‘उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर’ (यूपीडीआईसी) के लिए मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि भारत के रक्षा उत्पादों में आत्मनिर्भरता के संकल्प को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस, जो विश्व की सबसे तेज और घातक सटीक प्रहार क्षमता वाली “ब्रह्मोस” सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली की निर्माता है, ने लखनऊ की नई ‘इंटीग्रेशन एंड टेस्ट’ सुविधा से मिसाइल की पहली खेप सफलतापूर्वक तैयार कर ली है। यह अत्याधुनिक इकाई 11 मई 2025 को उद्घाटन के बाद पूरी तरह संचालन में आई थी।

 ⁠

बयान के मुताबिक, कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ‘बूस्टर डॉकिंग’ प्रक्रिया का अवलोकन भी करेंगे। इसी क्रम में ‘ब्रह्मोस सिम्युलेटर’ उपकरणों का प्रस्तुतिकरण भी होगा। इसके अलावा पौधारोपण और अन्य कार्यक्रम भी होंगे।

कार्यक्रम के दौरान, महानिदेशक (ब्रह्मोस) डॉ. जयतीर्थ आर. जोशी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक चेक और जीएसटी बिल सौंपेंगे, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा। ब्रह्मोस मिसाइलों के उत्पादन से उत्तर प्रदेश में उच्च कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

सरोजिनी नगर के भटगांव स्थित अत्याधुनिक ब्रह्मोस इकाई उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। यहां मिसाइलों की ‘असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग’ का कार्य उच्च तकनीकी मानकों के अनुरूप किया जाता है।

बयान में कहा गया कि लखनऊ ब्रह्मोस इकाई उत्तर प्रदेश रक्षा गलियारे की पहली ऐसी सुविधा है, जहां मिसाइल प्रणाली के निर्माण से लेकर अंतिम परीक्षण तक की पूरी प्रक्रिया देश में ही की जाती है।

बयान के मुताबिक, यह परियोजना न केवल रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि प्रदेश में रोजगार, निवेश और तकनीकी नवाचार के नए अवसर भी सृजित कर रही है।

भाषा आनन्द शफीक

शफीक


लेखक के बारे में