योगी आदित्यनाथ ने मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की घटना पर गहरा दुख जताया

योगी आदित्यनाथ ने मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की घटना पर गहरा दुख जताया

योगी आदित्यनाथ ने मनसा देवी मंदिर में भगदड़ की घटना पर गहरा दुख जताया
Modified Date: July 27, 2025 / 06:23 pm IST
Published Date: July 27, 2025 6:23 pm IST

लखनऊ, 27 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में भगदड़ मच जाने से श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया है।

उत्तराखंड पुलिस के अनुसार राज्य के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में भगदड़ मचने के कारण छह श्रद्धालुओं की मौत हो गयी तथा 29 अन्य घायल हो गए।

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप्र के निवासी मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।

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लखनऊ में जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार मृतकों में एक बालक और महिला समेत चार लोग उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के निवासी थे।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने ‘एक्‍स’ पर शोक संदेश में कहा, ‘‘उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित श्री मनसा देवी मंदिर मार्ग में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।’’

योगी ने अपने पोस्‍ट में कहा, ‘‘मां मनसा देवी से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति, शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें। ॐ शांति।’’

मुख्यमंत्री योगी ने एक अन्य पोस्ट में हादसे पर पुनः दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारियों को उत्तराखंड सरकार से समन्वय स्थापित कर दुर्घटना में जान गंवाने वाले उत्तर प्रदेश के नागरिकों के पार्थिव शरीर उनके गृह जनपद पहुंचाकर परिजनों को सौंपने के निर्देश दिए हैं।

योगी ने कहा कि इस दुर्घटना में उत्तर प्रदेश के प्रत्येक मृतक के परिवार को उप्र सरकार द्वारा 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

इस बीच यहां एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि हरिद्वार के हादसे में मरने वाले श्रद्धालुओं में एक बालक समेत चार लोग उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के निवासी थे।

बयान के अनुसार मृतकों में बरेली निवासी आरुष (12), रामपुर निवासी विक्की सैनी (18), बाराबंकी जिले के वकील सिंह और बदायूं जिले की शांति शामिल हैं।

भाषा

आनन्‍द, रवि कांत रवि कांत


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