ASI रिपोर्ट कोई प्रमाण नहीं, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा ‘विरोधी पक्ष ने इसे प्रचारित कर अराजकता पैदा की

AIMPLB on Gyanvapi ASI survey report: सर्वे की रिपोर्ट के बाद डॉ. क़ासिम रसूल इलियास ने कहा है कि ‘पुरातत्व सर्वेक्षण रिपोर्ट कोई प्रमाण नहीं है, विरोधी पक्ष ने इसे प्रचारित कर जनता में अराजकता पैदा कर दी है।

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  • Publish Date - January 27, 2024 / 07:38 PM IST,
    Updated On - January 27, 2024 / 07:38 PM IST

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AIMPLB on Gyanvapi ASI survey report: वाराणसी। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर एक अहम पड़ाव आया है। एएसआई ने पूरे विवादित परिसर के सर्वे किया, जिसकी रिपोर्ट वाराणसी जिला कोर्ट ने हिंदू-मुस्लिम पक्ष को सौंप दी है। रिपोर्ट का हवाला देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई ने कहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था।

रिपोर्ट में मंदिर को 17वीं शताब्दी में तोड़े जाने, मंदिर के खंभों और हिंदू देवी-देवताओं के मलबे मिलने का सबूत मिला है। हालांकि मुस्लिम पक्ष की तीखी प्रतिक्रिया आई है और इसका खंडन किया है। एएसआई सर्वे की रिपोर्ट के बाद डॉ. क़ासिम रसूल इलियास ने कहा है कि ‘पुरातत्व सर्वेक्षण रिपोर्ट कोई प्रमाण नहीं है, विरोधी पक्ष ने इसे प्रचारित कर जनता में अराजकता पैदा कर दी है। डॉ. क़ासिम रसूल इलियास आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता हैं।

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