हाथरस कांड के फैसले से संतुष्ट नहीं है पीड़ित परिवार, कहा- न्याय के लिए लड़ाई जारी रहेगी

हाथरस कांड के फैसले से संतुष्ट नहीं है पीड़ित परिवार, कहा- ! victim's family is not satisfied with the decision of Hathras scandal

हाथरस कांड के फैसले से संतुष्ट नहीं है पीड़ित परिवार, कहा- न्याय के लिए लड़ाई जारी रहेगी
Modified Date: March 4, 2023 / 05:42 am IST
Published Date: March 3, 2023 10:53 pm IST

हाथरस: Hathras scandal हाथरस बलात्कार/हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त को दोषी ठहराने और तीन अन्य आरोपियों को बरी करने के विशेष अदालत के फैसले के एक दिन बाद पीड़ित परिवार के सदस्य ने शुक्रवार को असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय के लिए उनकी लड़ाई जारी रहेगी।

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Hathras scandal गौरतलब है कि हाथरस जिले के एक गांव में 14 सितंबर, 2020 को 19 वर्षीय एक दलित युवती के साथ सामूहिक बलात्‍कार किया गया था। उसकी 29 सितंबर को दिल्‍ली में उपचार के दौरान मौत हो गयी। दरअसल, हाथरस के पास गांव में आधी रात को युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया था, जिसर परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने जबरन दाह संस्कार किया और उन्हें शव को घर लाने नहीं दिया गया। इस मामले को लेकर विपक्षी दलों खासतौर पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी नीत केन्‍द्र और राज्‍य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और यह मामला पूरे देश में सुर्खियों में था।

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हाथरस की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को मुख्‍य आरोपी संदीप (20) को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि रवि (35), लव कुश (23) और रामू (26) को बरी कर दिया गया। अधिवक्‍ता मुन्ना सिंह पुंडीर ने कहा कि मुख्य आरोपी के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोप साबित नहीं हो सके। जब फैसला सुनाया गया तो युवती का एक भाई अदालत में मौजूद था। उसने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से कहा, ‘मेरी बहन को न्याय दिलाने के लिए हमारे संघर्ष का कोई नतीजा नहीं निकला है। हमें अभी तक न्याय नहीं मिला है, हम इसके लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।’

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उसने कहा, ‘हमारी लड़ाई पैसा या कोई मुआवजा पाने के लिए नहीं थी। यह मेरी बहन को न्याय दिलाने के लिए थी, जिसके साथ आरोपियों ने सबसे घिनौना व्यवहार किया और उसे मार डाला गया।’ इस मामले में सीबीआई ने अनुसूचित जाति, जनजाति निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) अदालत में सभी चार आरोपियों के खिलाफ हत्या और सामूहिक बलात्कार और एससी/एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। दलित महिला के परिवार का प्रतिनिधित्व कर रही अधिवक्‍ता सीमा कुशवाहा ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस फैसले को उच्‍च न्‍यायालय में चुनौती देंगी।

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संदीप के अधिवक्‍ता ने दावा किया कि उनका मुवक्किल निर्दोष है। अधिवक्‍ता ने कहा था, ‘हम दोषसिद्धि के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। अभियोजन पक्ष पर्याप्त साक्ष्य या गवाहों के साथ अदालत में बलात्कार, सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोप साबित नहीं कर सका।’ हाथरस की घटना से जुड़े एक अन्य प्रकरण में, केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन और उनके साथियों को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह हाथरस जा रहे थे। उप्र पुलिस ने दावा किया कि वह कट्टरपंथी संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़ा था और हिंसा भड़काने की कोशिश कर रहा था। दो साल जेल में रहने के बाद हाल ही में कप्‍पन की जमानत पर रिहाई हुई है।

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