Kaushambi News, image source: ibc24 news
कौशाम्बी: Kaushambi News, बीते दिनों उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में हुई घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। आरोप है कि ब्राह्मण परिवार के व्यक्ति को कूट रचित तरीके से पहले फर्जी पॉस्को एक्ट में फंसाकर जेल भेजवाया गया। उसके बाद आरोपी बनाए गए शख्स के पिता रामबाबू तिवारी व परिवार के लोगों को लगातार ताने मारकर समाज में घोर बेइज्जती करवाई गई। जब यह दंश उसके पिता नहीं झेल पाए तो वह थाना से लेकर ASP के कार्यालय जाकर न्याय की गुहार लगाए। लेकिन वहां ASP ने अपने ऑफिस से दुत्कार लगाकर भगा दिया। यह सब जब रामबाबू तिवारी नहीं झेल पाए तो सैनी कोतवाली परिसर में जाकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली ।
उसके बाद भी कौशाम्बी पुलिस का दिल नहीं पसीजा, तो रामबाबू तिवारी के परिजनों ने पुलिस से इस बात की गुहार लगाया कि उसके बेटे को अंतिम दर्शन के लिए लाया जाए, लेकिन यहां भी ASP ने अपनी वर्दी के नियम को ताक में पर रखकर रामबाबू तिवारी के परिजनों, महिलाओं, अधिवक्ता समेत ग्रामीणों पर जमकर लाठी बरसाई। जब मारपीट का यह वीडियो वायरल हुआ तो ASP ने फिर नाटक करते हुए दर्जनों लोगों पर फर्जी मुकदमा लिखवाकर मामले को दबाने की कोशिश की।
वहीं जब इस पूरे मामले पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मामले को संज्ञान में लेकर नाराजगी जताई, तब ASP ने अपने खास रिश्तेदार व किसान यूनियन के नेता अनुज सिंह की एंट्री करवाकर बयानबाजी करवाकर मामले को दूसरी राजनीति की तरफ पलटवा दिया।
पीड़ित परिवार के परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि समाजवादी पार्टी के एजेंट के रूप में काम कर रहे ASP राजेश कुमार सिंह ने सपा सांसद व सपा विधायक के प्रभाव से नतमस्तक होकर गरीब ब्राह्मण परिवार को बलि का बकरा बना दिया।
अब पुलिस ने कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति के लिए सैनी इंस्पेक्टर रहे बृजेश करवरिया को लाइन हाजिर करके अपनी पीठ थपथपा रही है, जबकि इस पूरे प्रकरण में घटना के पीछे का जिम्मेदार ASP है।
सूत्रों की माने तो इस बात की भी चर्चा है कि कल जिला मुख्यालय में एक बड़े आंदोलन के आसार के चलते सैनी कोतवाल पर कार्यवाही की गई है, जबकि इस पूरे मामले में चौकी इंचार्ज व ASP की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध बताई जा रही है।
वहीं सफेदपोश नेता इस बात की भी चर्चा कर रहें हैं कि भले ही बीजेपी की सरकार हो लेकिन यहां के ASP, सपा सांसद व सपा विधायक के आगे नतमस्तक होकर सरकार की मंशा के विपरीत काम कर रहे हैं।