उत्तर प्रदेश को ‘एक लाख करोड़ डॉलर’ अर्थव्यवस्था बनाने में विश्व बैंक की अहम भूमिका: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश को ‘एक लाख करोड़ डॉलर’ अर्थव्यवस्था बनाने में विश्व बैंक की अहम भूमिका: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश को ‘एक लाख करोड़ डॉलर’ अर्थव्यवस्था बनाने में विश्व बैंक की अहम भूमिका: योगी आदित्यनाथ
Modified Date: May 9, 2025 / 04:21 pm IST
Published Date: May 9, 2025 4:21 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

लखनऊ, नौ मई (भाषा) उत्तर प्रदेश को उन्नत प्रदेश बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा ने दो प्रमुख कार्यक्रमों की शुरूआत की।

शुक्रवार को विश्व बैंक के सहयोग से उत्तर प्रदेश में ‘उप्र-एग्रीस’ कार्यक्रम को लागू किया गया। इस कार्यक्रम के जरिए राज्य के पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड क्षेत्रों में आधुनिक तकनीकी पर आधारित खेती को बढ़ावा मिलेगा। फलस्वरूप कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी और 10 लाख किसानों को फायदा होगा।

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इसी प्रकार, राज्य सरकार की एक और बड़ी परियोजना ‘एआई प्रज्ञा’ भी शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुरू की। इसके जरिए उत्तर प्रदेश को कृत्रिम मेधा के केंद्र के तौर पर स्थापित करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना के जरिए राज्य में 10 लाख युवाओं को कृत्रिम मेधा के विभिन्न पहलुओं में दक्ष बनाया जाएगा।

एक बयान के मुताबिक इन दोनों कार्यक्रम के प्रारंभ होने पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा,‘‘उत्तर प्रदेश देश की विकास गाथा का पर्याय है। आज सारे विश्व ने मान लिया है कि उत्तर प्रदेश रूकावट नहीं, बल्कि भारत का ‘ग्रोथ इंजन’ है। दोनों ही कार्यक्रम प्रदेश के ‘एक लाख करोड़ डॉलर’ की अर्थव्यवस्था बनने का सपना साकार करेंगे।’’

उन्होंने ‘उप्र-एग्रीस’ परियोजना में विश्व बैंक की सहभागिता का आभार जताते हुए कहा कि इस परियोजना के जरिए कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में मदद मिलेगी जो किसानों की उन्नति का कारण बनेगा।

मुख्यमंत्री आवास पर अजय बंगा संग मुलाकात के बाद दोनों परियोजनाओं की शुरूआत पर योगी ने विश्व बैंक की तारीफ की और सहयोग के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक हमेशा उत्तर प्रदेश की उन्नति में बड़ा भागीदार बनकर उभरता है।

उन्होंने कहा कि चाहे पर्यावरण संरक्षण हो, पर्यटन को बढ़ावा देना हो या फिर अवस्थापना से जुड़ी परियोजनाओं का संचालन हो, विश्व बैंक हमेशा से महती भूमिका निभाता है।

‘उप्र एग्रीस’ परियोजना चार हजार करोड़ रूपये की परियोजना है जिसमें से 2737 करोड़ रुपए का ऋण विश्व बैंक ने छह वर्षों की अवधि के लिए उपलब्ध कराया है। इस परियोजना से किसानों, कृषक संगठनों, मत्यस्य पालकों एवं कृषि क्षेत्र से जुड़ी एमएसएमई इकाइयों को सीधा लाभ होगा।

इस परियोजना में 1166 रूपये करोड़ राज्य सरकार का अंश होगा। विश्व बैंक के ऋण को चुकाने की अवधि 35 वर्ष रखी गयी है, जिसपर ब्याज दर 1.23 प्रतिशत रखी गयी।

इस परियोजना से 10 लाख किसानों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा, जिसमें 30 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की होगी। साथ ही, 10 हजार महिला उत्पादक समूहों को परियोजना से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा 500 किसानों को सर्वोत्तम कृषि तकनीकी जानकारी के लिए विदेशों में भेजा जाएगा। इससे छोटे किसानों को सशक्त बनाने और क्षेत्रीय विषमताओं को खत्म करने में मदद मिलेगी।

परियोजना के तहत पूर्वी उत्तर प्रदेश के 21 जिलों– श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महराजगंज, संतकबीर नगर, कुशीनगर, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, मीरजापुर, सोनभद्र और संत रविदास नगर तथा बुंदेलखंड के जालौन, झांसी, हमीरपुर, महोबा, बांदा, ललितपुर और चित्रकूट जिलों के किसान लाभान्वित होंगे।

मुख्यमंत्री ने बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध कराने के लिए नए मिशन को जल्द शुरू करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पोषण मिशन के दायरे में छह महीने से छह साल तक के बच्चों को शामिल किया गया है। इस दिशा में स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपनी भूमिका निभाएंगी।

इस प्रकार की एक योजना इंडोनेशिया में चल रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश से एक विशिष्ट टीम इंडोनेशिया भेजी जाएगी जो इसका अध्ययन करके उत्तर प्रदेश में इसे लागू करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगी।

बयान के मुताबिक ‘एआई प्रज्ञा’ योजना के तहत 10 लाख युवाओं को कृत्रिम मेधा और डिजिटल तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। इससे रोजगार और ‘स्टार्टअप कल्चर’ को बढ़ावा मिलेगा। इस कार्यक्रम के जरिए प्रारंभिक चरण में राज्य के 10 लाख युवाओं को कृत्रिम मेधा, ‘मशीन लर्निंग’,‘डाटा एनालिटिक्स’ एवं ‘साइबर सिक्योरिटी’ जैसे उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जायेगा।

यह कार्यक्रम शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, राजस्व और सचिवालय प्रशासन जैसे विभिन्न विभागों के सहयोग से चलाया जाएगा। एआई प्रज्ञा कार्यक्रम न केवल युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलेगा, बल्कि सरकारी सेवा, कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देगा।

मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की विकास गाथा को लेकर लघु फिल्म का भी प्रदर्शन हुआ।

इस अवसर पर अजय बंगा समेत विश्व बैंक की टीम उपस्थित रही जिसमें उपाध्यक्ष आगस्ते तानो कौमे, कंट्री डायरेक्टर (इंडिया) जॉन और मार्क मौजूद रहे।

सरकार की ओर से प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सूर्य प्रताप शाही, स्वतंत्रदेव सिंह, बलदेव सिंह औलख, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद रहे।

भाषा जफर राजकुमार

राजकुमार


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