Kedarnath Dham New Record: बाबा केदारनाथ के धाम ने बनाया नया रिकॉर्ड.. अब तक 16.56 लाख श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा की शुरूआत हुई थी। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे।

Kedarnath Dham New Record: बाबा केदारनाथ के धाम ने बनाया नया रिकॉर्ड.. अब तक 16.56 लाख श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

Kedarnath Dham New Record || Image- ANI News File

Modified Date: October 9, 2025 / 06:39 am IST
Published Date: October 9, 2025 6:22 am IST
HIGHLIGHTS
  • केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या ने तोड़ा रिकॉर्ड
  • मानसून के बावजूद यात्रा में नहीं आई कमी
  • कपाट 23 अक्टूबर को होंगे बंद

Kedarnath Dham New Record: देहरादून: मानसून में बारिश और आपदाओं के कारण धीमी पड़ी चारधाम यात्रा ने अब फिर रफ्तार पकड़ ली है और बुधवार तक केदारनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की संख्या एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 16 लाख 56 हजार के पार पहुंच गयी। पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड के उंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी तथा निचले इलाकों में बारिश हो रही है लेकिन उसके बावजूद तीर्थयात्रियों का उत्साह बना हुआ है। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार केदारनाथ धाम में बुधवार को 5614 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और इसी के साथ इस साल अब तक बाबा केदार के धाम आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या 16 लाख 56 हजार 539 हो गयी जबकि अभी धाम के कपाट बंद होने में 14 दिन का समय बचा है।

23 अक्टूबर को बंद होंगे कपाट

इससे पहले 2024 में पूरे यात्राकाल में 16 लाख 52 हजार 76 यात्री केदारनाथ आए थे। केदारानाथ के कपाट 23 अक्टूबर को भैयादूज के अवसर पर बंद होंगे। इसी प्रकार, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। विज्ञप्ति के अनुसार, प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए सुरक्षित यात्रा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। यात्रा मार्ग में जवानों की तैनाती की गई है जबकि भूस्खलन की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर मलबे की सफाई के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है ताकि यातायात लंबे समय तक बाधित न हो।

इस साल मानसून का प्रभाव

Kedarnath Dham New Record: इस वर्ष 30 अप्रैल को गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा की शुरूआत हुई थी। इसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे। मानसून सीजन में अतिवृष्टि, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के कारण चारधाम यात्रा बुरी तरह प्रभावित हुई थी। प्रकृति की विनाशलीला में गंगोत्री धाम का महत्वपूर्ण पड़ाव धराली बुरी तरह तबाह हो गया जबकि यात्रा मार्ग बुरी तरह तहस-नहस हो जाने से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा भी बाधित हो गयी थी। हालांकि, राज्य सरकार ने केंद्रीय एजेंसियों की मदद से मार्गों को बहाल किया जिससे आम जनजीवन भी सामान्य हुआ।

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