Bijapur Naxal Surrender: दशहरे पर नक्सली संगठन को बड़ा झटका! करोड़ों के ईनामी 103 खूंखार नक्सलियों का सरेंडर, 23 महिलाएं भी शामिल

Bijapur Naxal Surrender: दशहरे पर नक्सली संगठन को बड़ा झटका! करोड़ों के ईनामी 103 खूंखार नक्सलियों का सरेंडर, 23 महिलाएं भी शामिल

Bijapur Naxal Surrender: दशहरे पर नक्सली संगठन को बड़ा झटका! करोड़ों के ईनामी 103 खूंखार नक्सलियों का सरेंडर, 23 महिलाएं भी शामिल

Bijapur Naxal Surrender/Image Source: IBC24

Modified Date: October 2, 2025 / 06:42 pm IST
Published Date: October 2, 2025 6:27 pm IST
HIGHLIGHTS
  • बीजापुर: 103 नक्सलियों ने किया सरेंडर
  • सरेंडर करने वालों में 23 महिला नक्सली शामिल
  • 1 करोड़ 23 लाख के इनामी नक्सली शामिल

बीजापुर : Bijapur Naxal News: बस्तर के बीजापुर जिले में दशहरे पर नक्सली संगठन को बड़ा जहतका लगा है। आज 103 माओवादियों ने सामूहिक आत्मसमर्पण किया। इस आत्मसमर्पण में 23 महिला नक्सली भी शामिल हैं जिनमें 49 ऐसे नक्सली शामिल हैं, जिन पर कुल 1 करोड़ 23 लाख रुपये का इनाम घोषित था। यह आत्मसमर्पण न केवल सुरक्षा बलों के लिए बड़ी जीत है, बल्कि यह माओवादी संगठन के भीतर बढ़ते मतभेदों और शासन की पुनर्वास नीति का असर भी दर्शाता है। Bijapur Naxal Surrender

Bijapur Naxal Surrender: आत्मसमर्पण करने वालों में 1 डीवीसीएम (डिवीजनल कमांडर), 4 पीपीसीएम (पार्टी प्लाटून कमांडर), 4 एसीएम (एरिया कमेटी सदस्य), 5 मिलिशिया कमांडर/डिप्टी कमांडर, 12 सीएनएम (कम्पाउंडर/नौकरी सदस्य), 22 जनताना सरकार सदस्य, और 23 मिलिशिया प्लाटून सदस्य शामिल हैं। यह आंकड़े यह दिखाते हैं कि माओवादी संगठन में अब असंतोष और मतभेद बढ़ रहे हैं। इस बड़े आत्मसमर्पण का मुख्य कारण सरकार की पुनर्वास नीति और विकास कार्यों का प्रभाव बताया जा रहा है। इन नक्सलियों ने अपनी स्वेच्छा से आत्मसमर्पण करते हुए सरकार की सहायता राशि 50,000 स्वीकार की है।

Bijapur Naxal Surrender: 2024 के जनवरी से अब तक की मुठभेड़ों में कुल 924 माओवादी गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि 599 माओवादी ने आत्मसमर्पण किया है और 195 माओवादी मुठभेड़ों में मारे गए हैं। इससे साफ है कि नक्सलियों का प्रभाव बस्तर में लगातार घटता जा रहा है और उनकी संख्या भी कम हो रही है। यह घटना उस समय हुई है जब कुछ ही दिनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर के दौरे पर आने वाले हैं। वे बस्तर के दशहरे उत्सव में शामिल होंगे और इससे पहले नक्सलियों का बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण करना इस यात्रा के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।