गाजा में इजराइल के हमले में 25 लोगों की मौत, भुखमरी का संकट बढ़ा

गाजा में इजराइल के हमले में 25 लोगों की मौत, भुखमरी का संकट बढ़ा

गाजा में इजराइल के हमले में 25 लोगों की मौत, भुखमरी का संकट बढ़ा
Modified Date: August 23, 2025 / 07:55 pm IST
Published Date: August 23, 2025 7:55 pm IST

खान यूनिस, 23 अगस्त (एपी) गाजा में शनिवार को इजराइल के हमलों और गोलीबारी में कम से कम 25 लोग मारे गए। स्थानीय अस्पतालों ने यह जानकारी दी।

नासिर अस्पताल के मुर्दाघर के रिकॉर्ड और स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, तड़के दक्षिणी गाजा पट्टी में इजराइली हमलों में कम से कम 14 लोग मारे गए। अधिकारियों ने बताया कि हमलों में खान यूनिस में विस्थापित लोगों के लिए बने तंबुओं को निशाना बनाया गया। गाजा के अन्य स्थानों से भागकर आए लाखों लोगों ने यहां शरण ले रखी है। मृतकों में आधे से ज़्यादा महिलाएं और बच्चे थे।

शेख रादवान फील्ड अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी गाजा में ज़िकिम क्रॉसिंग के पास इजराइली गोलीबारी में कम से कम पांच लोग मारे गए। ये लोग वहां राहत सामग्री के लिए इकट्ठा हुए। इस क्रॉसिंग के जरिये संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों के काफिले एन्क्लेव में प्रवेश करते हैं।

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अस्पतालों और फलस्तीनी रेड क्रिसेंट के अनुसार, शनिवार को गाजा में अन्य जगहों पर हुए हमलों में छह लोग मारे गए।

राहत समूह महीनों से आगाह कर रहे हैं कि युद्ध जारी रहने और गाजा में खाद्य पदार्थों की खेप भेजे जाने पर इजराइल के प्रतिबंध के कारण भुखमरी का संकट पैदा हो रहा है।

‘इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन’ (आईपीसी) की एक रिपोर्ट में कहा गया कि गाजा शहर अकाल की चपेट में है और अगर लड़ाई चलती रही तथा मानवीय सहायता पर प्रतिबंध जारी रहे तो यह और फैल सकता है।

आईपीसी ने कहा कि गाजा में लगभग पांच लाख लोग, यानी कुल आबादी का लगभग एक-चौथाई हिस्सा भयावह भुखमरी का सामना कर रहे हैं जिससे कई लोगों की जान जाने का खतरा है। रिपोर्ट में कहा गया कि व्यापक विस्थापन और खाद्य सामग्री की कमी के कारण भुखमरी और भी बढ़ गई है।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने आईपीसी की रिपोर्ट को ‘सरासर झूठ’ करार देते हुए इसकी आलोचना की और हमास पर बंधकों को भूखा रखने का आरोप लगाया।

वैश्विक दबाव के बीच इजराइल ने हाल के सप्ताहों में हवाई मार्ग तथा भूमि मार्ग से राहत सामग्री पहुंचाने की अनुमति दी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य सहायता एजेंसियों का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है।

एपी आशीष पवनेश

पवनेश


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