सरकारी स्पाईवेयर के जरिये अल-जजीरा के पत्रकारों के फोन को निशाना बनाया गया: रिपोर्ट

सरकारी स्पाईवेयर के जरिये अल-जजीरा के पत्रकारों के फोन को निशाना बनाया गया: रिपोर्ट

सरकारी स्पाईवेयर के जरिये अल-जजीरा के पत्रकारों के फोन को निशाना बनाया गया: रिपोर्ट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: December 21, 2020 4:35 am IST

दुबई, 21 दिसंबर (भाषा) साइबर सुरक्षा से संबंधित एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार कतर की मीडिया कंपनी ‘अल जजीरा’ के कई पत्रकारों के फोन को एक उन्नत ‘स्पाईवेयर’ से निशाना बनाया गया है, जिसके सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों से जुड़े होने की आशंका है।

‘सिटिजन लैब’ नामक इस संस्था की रविवार को आई रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने एक ऐसे ‘मैलवेयर’ का पता लगाया है, जिससे ‘अल जजीरा’ के 36 पत्रकारों, निर्माताओं, एंकरों और कार्यकारियों के निजी फोन में घुसपैठ की गई। इस मैलवेयर को इज़राइल स्थित एनएसओ समूह का समर्थन हासिल है, जो दमनकारी सरकारों को ‘स्पाईवेयर’ बेचने की खुले तौर पर निंदा करता रहा है।

‘मैलवेयर’ एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसका इस्तेमाल फोन या कम्प्यूटर से गोपनीय या निजी जानकारी चुराने के लिए किया जाता है।

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रिपोर्ट के अनुसार जांचकर्ताओं के सामने सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि इस ‘मैलवेयर’ से फोन के उपयोगकर्ता के बिना कुछ किये आई-संदेश प्रभावित हुए हैं।

‘सिटिजन लैब’ के अनुसार यह ‘मैलवेयर’ फोन को निर्देश देता है कि वे अपनी सामग्री एनएसओ से जुड़े सर्वरों पर अपलोड करें, जिसके साथ ही पत्रकारों का आई-फोन निगरानी में आ जाता है। इसमें न तो उपयोगकर्ता को किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने के लिये कहा जाता है और न ही उसे धमकी भरे संदेश भेजे जाते हैं।

संस्था का कहना है कि यह हमले जुलाई में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की उस घोषणा से कुछ ही हफ्ते पहले हुए, जिसमें उसने इज़राइल, यूएई और उसके चिर-प्रतिद्वंद्वी कतर के बीच रिश्ते सामान्य होने की बात कही थी।

काफी समय तक गुपचुप तरीके से चली बातचीत के बाद इन देशों के बीच समझौता हुआ था।

एपी जोहेब निहारिका

निहारिका


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