क्या आप जरूरत से अधिक खाने को लेकर चिंतित हैं? खाने की लत के बारे में आपको यह जानने की आवश्यकता है

क्या आप जरूरत से अधिक खाने को लेकर चिंतित हैं? खाने की लत के बारे में आपको यह जानने की आवश्यकता है

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  • Publish Date - November 25, 2021 / 02:08 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

(ट्रेसी बरोज, मेगन व्हाट्नॉल, यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूकैसल)

कैलाहन (ऑस्ट्रेलिया), 25 नवंबर (द कन्वरसेशन) हम में से कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें कोई विशेष व्यंजन खाना अच्छा लगता है: कुछ लोगों को एक मुश्किल काम के बाद विशेष व्यंजन खाना पसंद होता है, कुछ लोगों को कई घंटों तक काम करने के बाद भोजन करने से आनंद मिल सकता है और कई लोगों के लिए रात में स्वादिष्ट भोजन करना सुखदायी हो सकता है।

कुछ लोग विशेष व्यंजनों, खासकर ‘‘जंक फूड’’ (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भोजन) को खाने से स्वयं को रोक नहीं पाते। इससे उनकी दिन प्रतिदिन की कार्य प्रणाली बाधित हो सकती है और उनकी सामाजिक, कार्य या पारिवारिक दायित्व का निर्वहन करने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।

उनमें किसी व्यंजन को खाने की तीव्र इच्छा भूख के कारण नहीं, अपितु मन:स्थिति सही नहीं होने, मानसिक रूप से अस्वस्थ होने (अवसाद और घबराहट), अत्यधिक तनाव या भावनाओं के आवेग के कारण पैदा होती है।

‘‘खाने की लत’’ अभी एक ऐसा विकार नहीं है, जिसकी क्लीनिकल जांच की जा सके, लेकिन मरीज स्वास्थ्य पेशेवरों से कई बार पूछते हैं कि वे इस लत से किस प्रकार छुटकारा पा सकते हैं।

आमतौर पर ‘येल फूड एडिक्शन स्केल’ का उपयोग करके इस लत का आकलन किया जाता है।

यह लत कितनी सामान्य है?

आवश्यकता से अधिक भोजन के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं। ‘फास्ट फूड’ (खाने के लिये तैयार खाद्य पदार्थ) की प्रचुरता, जंक फूड के विज्ञापन और कई प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाली अत्यधिक स्वादिष्ट सामग्री हमें भूख न लगने पर भी उन्हें खाने के लिए प्रेरित करती है। बहरहाल, कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें भले ही भूख नहीं हो और उन्हें भले ही व्यंजन पसंद नहीं हो, लेकिन वे स्वयं को खाने से रोक नहीं पाते।

छह लोगों में से करीब एक व्यक्ति (15 से 20 प्रतिशत लोग) इस लत से पीड़ित हैं।

क्या आपको भी यह समस्या है?

आमतौर पर लोगों को उन व्यंजनों को खाने की लत लगती है, जो अत्यधिक स्वादिष्ट होते हैं, प्रसंस्कृत होते हैं, जिनमें ऊर्जा, वसा, नमक और/या चीनी की मात्रा अधिक होती है, लेकिन उनमें पोषक तत्व कम मात्रा में होते हैं।

इस संबंध में बहस जारी है कि क्या किसी व्यंजन की सामग्री के कारण उसकी लत लगती है या खाने का व्यक्ति का तरीका इस लत का कारण है या ऐसा इन दोनों वजहों से होता है।

हमारे ताजा अनुसंधान के कारण किशोरावस्था में खाने की लत का संबंध जीवन की खराब गुणवत्ता या कम आत्मविश्वास से जुड़ा है और यह लत समय के साथ बढ़ सकती है। वयस्कों में इसका संबंध बढ़े हुए वजन या खराब मानसिक स्थिति से है।

इसका उपचार कैसे किया जाए?

इसके उपचार के लिए कई पद्धतियों का परीक्षण किया जा रहा है। इनमें एक पद्धति भूख संबंधी हारर्मोन को निशाना बनाने वाली नाल्ट्रेक्सोन और बुप्रोपियन जैसी दवाओं का इस्तेमाल है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में ‘गैस्ट्रिक बैंडिग’ प्रक्रिया सर्वाधिक इस्तेमाल की जाती है, जहां दबाव डालने और भूख कम करने के लिए पेट के ऊपरी हिस्से पर एक समायोजित होने वाला बैंड बांध जाता है।

इसके अलावा जीवन शैली को लेकर आहार एवं शारीरिक गतिविधि जैसे समग्र एवं व्यक्तिगत दृष्टिकोण भी आशाजनक परिणाम दिखाते हैं।

हमारा उभरता उपचार कार्यक्रम

हम खाने की लत के प्रबंधन के लिए नया समग्र दृष्टिकोण भी विकसित कर रहे हैं, जो व्यवहार में बदलाव संबंधी अनुसंधान पर आधारित है। इस संबंधी परीक्षण में शामिल हुए लोगों ने तीन महीने बाद बताया कि यह कार्यक्रम स्वीकार्य और व्यावहारिक हैं। हमारे अनुसंधान का अगला चरण इसके प्रभावी होने के संबंध में उपचार का परीक्षण करना है। यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है और यदि यह प्रभावी साबित होता है और इसे क्लीनिकल तरीकों में भी इस्तेमाल किया जाएगा।

द कन्वरसेशन

सिम्मी प्रशांत

प्रशांत