सत्ता पर कब्जे की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया पदों पर नियुक्तियों को सार्वजनिक करेगा

सत्ता पर कब्जे की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया पदों पर नियुक्तियों को सार्वजनिक करेगा

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  • Publish Date - November 25, 2022 / 03:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

कैनबरा, 25 नवंबर (एप) ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री द्वारा गोपनीय तरीके से खुद को कई मंत्रालयों में नियुक्त करने के खिलाफ जारी जांच के तहत शुक्रवार को सिफारिश की गई कि सरकार में भरोसे को संरक्षित रखने के लिहाज से इस तरह की सभी नियुक्तियों को भविष्य में सार्वजनिक किया जाए।

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने कहा कि वह अपनी कैबिनेट से सिफारिश करेंगे कि अगले हफ्ते बैठक के दौरान सेवानिवृत्त न्यायाधीश की सभी सिफारिशों को स्वीकार करे।

अल्बनीस ने गत अगस्त में जांच का आदेश दिया था। अल्बनीस ने यह कदम उस खुलासे के बाद उठाया जिसमें कहा गया है कि मार्च 2000 और मई 2001 के बीच पूर्ववर्ती प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए खुद को पांच मंत्रियों की भूमिका के लिए नियुक्त किया था और इसकी जानकारी मौजूदा मंत्रियों को आमतौर पर नहीं थी।

सत्ता पर कब्जे की यह असाधारण घटना मॉरिसन के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव गठबंधन की गत मई में चुनाव में हार के बाद सामने आई। इसके पहले कंजर्वेटिव गठबंधन सरकार नौ साल तक सत्ता में रही ।

उनके इस अभूतपूर्व कदम को ऑस्ट्रेलिया की राजनीति की उस व्यापक परिपाटी के हिस्से के रूप में देखा गया जिसके तहत सत्ता को नेता के कार्यालय में केंद्रित किया जाता है।

अल्बनीस ने पूर्व सरकार की गोपनीयता की संस्कृति पर दोषारोपण करते हुए कहा कि इसके कारण इसके नेताओं के पास व्यक्तिगत रूप से सत्ता का असाधारण संकेंद्रण हो गया।

उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश वर्जिनिया बेल ने अपनी जांच में सफारिश की है कि मंत्रियों की नियुक्ति से संबंधित सार्वजनिक नोटिस को सार्वजनिक करने के लिए कानून बनाने की जरूरत है।

मॉरिसन अपने वकीलों के माध्यम से जांच में सहयोग कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने निजी तौर पर कोई साक्ष्य नहीं दिया है।

फिलहाल प्रतिपक्ष के सांसद के रूप में कार्यरत मॉरिसन ने कहा है कि उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के कारण आपात कदम के तहत स्वास्थ्य, वित्त, राजकोष, संसाधान एवं आवास मामलों के मंत्रालय खुद को आवंटित किये।

न्यायाधीश बेल ने पाया कि मोरिसन को ‘डुप्लीकेट’ मंत्री बनाना गैर जरूरी था, क्योंकि मूल मंत्री के कोविड-19 के कारण अक्षम होने होने पर एक सक्रिय मंत्री को मिनटों में नियुक्त किया जा सकता था।

एपी संतोष नरेश

नरेश