बांग्लादेश की अदालत ने 1971 के युद्ध अपराध के दोषी के लिए मौत का वारंट जारी किया

बांग्लादेश की अदालत ने 1971 के युद्ध अपराध के दोषी के लिए मौत का वारंट जारी किया

बांग्लादेश की अदालत ने 1971 के युद्ध अपराध के दोषी के लिए मौत का वारंट जारी किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: October 22, 2020 2:56 pm IST

(अनिसुर रहमान)

ढाका, 22 अक्टूबर (भाषा) बांग्लादेश के एक विशेष न्यायाधिकरण ने विपक्षी दल के एक नेता को फांसी पर लटकाने के लिए बृहस्पतिवार को मौत का वारंट जारी किया। उसे 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तान की सेना के साथ मिलकर मानवता के खिलाफ अपराध करने का दोषी पाया गया है।

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) ने विपक्षी जातीय पार्टी के नेता सैयद मोहम्मद कैसर के खिलाफ मौत का वारंट जारी किया। अपराध में छह वर्ष पहले उसे दोषी करार दिया गया था।

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उच्चतम न्यायालय के शीर्ष अपीली डिवीजन ने कैसर की अंतिम अपील खारिज कर दी जिसके बाद उसके खिलाफ मौत का वारंट जारी किया गया है।

आईसीटी-बीडी के पंजीयक सैयद अहमीद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मौत के वारंट को जेल के अधिकारियों के पास भेज दिया गया है जबकि इसकी प्रतियां गृह एवं विधि मंत्रालयों और ढाका के जिलाधिकारी को भेजी गई है।’’

कैसर ने उत्तरपूर्वी हबीबगंज में अलग से एक सशस्त्र मिलिशिया समूह का गठन किया था जिसकी अपनी वर्दी होती थी और इसका नाम उसने खुद के नाम पर रखा था। मुक्ति संग्राम के दौरान उसने उन लोगों पर अत्याचार किए जो स्वतंत्रता सेनानियों के समर्थक थे ।

मौत की सजा को उसने उच्चतम न्यायालय के अपीलीय डिवीजन में चुनौती दी। मुख्य न्यायाधीश सैयद महमूद हुसैन ने उच्चतम न्यायालय की चार सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता की और आईसीटी-बीडी के फैसले को बरकरार रखते हुए इसके फैसले को इस वर्ष 14 जनवरी को अपलोड किया।

कैसर अब उच्चतम न्यायालय के अंतिम फैसले की समीक्षा 15 दिनों के अंदर किए जाने का अनुरोध कर सकते हैं।

कैसर राष्ट्रपति से दया का अनुरोध भी कर सकते हैं।

बांग्लादेश ने 2010 में युद्ध अपराधियों के खिलाफ न्याय प्रक्रिया में तेजी लाई थी।

भाषा नीरज नीरज मनीषा

मनीषा


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