Sheikh Hasina Extradition Request: फिर गिड़गिड़ाया बांग्लादेश.. PM शेख हसीना को सौंपने की रखी मांग, वतन लौटते ही दे दी जाएगी फांसी.. पढ़ें भारत का जवाब

Sheikh Hasina Extradition Request : मंत्रालय ने कहा कि हसीना को अपने यहां रखना "अमित्र व्यवहार का गंभीर कृत्य" है और इसे "मानवता के विरुद्ध अपराधों के दोषी इन व्यक्तियों को शरण देना किसी अन्य देश के लिए न्याय का उपहास" की तरह है।

Sheikh Hasina Extradition Request: फिर गिड़गिड़ाया बांग्लादेश.. PM शेख हसीना को सौंपने की रखी मांग, वतन लौटते ही दे दी जाएगी फांसी.. पढ़ें भारत का जवाब

Sheikh Hasina Extradition Request || Image- ANI News File

Modified Date: November 24, 2025 / 06:57 am IST
Published Date: November 24, 2025 6:54 am IST
HIGHLIGHTS
  • बांग्लादेश ने फिर प्रत्यर्पण मांगा
  • भारत पर संधि निभाने का दबाव
  • आईसीटी ने सुनाई मौत की सजा

Sheikh Hasina Extradition Request: ढाका: बांग्लादेश ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने का फिर से अनुरोध किया है। पूर्व पीएम हसीना को पिछले साल छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह के खिलाफ कार्रवाई के लिए मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल वह भारत में शरण लिए हुए है। बांग्लादेश के अंतरिम प्रशासन में विदेश मामलों का प्रभार संभाल रहे तौहीद हुसैन ने रविवार को कहा कि ढाका ने दो दिन पहले एक पत्र भेजा था, जिसमें नई दिल्ली से भगोड़े पूर्व नेता को सौंपने का आग्रह किया गया था।

Bangladesh PM Extradition Case” भारत में शरण लिए हुए है शख्स हसीना

बता दें कि, 78 साल की शेख हसीना तख्तापलट के बाद से भारत में शरण लिए हुई हैं। वह 15 वर्षों तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं और इस दौरान भारत उनकी करीबी सहयोगी थी /पिछले साल अगस्त 2024 में एक बड़े पैमाने पर विद्रोह के बाद उनसे सत्ता छीन ली गई थी और मुहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार का गठन किया गया था।

Sheikh Hasina Extradition News: प्रत्यर्पण भारत की ‘अनिवार्य जिम्मेदारी’

Sheikh Hasina Extradition Request: पिछले सोमवार को ढाका में एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना को मानवता के विरुद्ध अपराध का दोषी ठहराया और उन्हें मौत की सजा सुनाई। इस तरह नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अपना वादा पूरा किया था। वही अदालत के इस फैसले के बाद, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 2013 में हस्ताक्षरित द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत पूर्व नेता की वापसी को सुविधाजनक बनाना भारत की “अनिवार्य जिम्मेदारी” है।

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Sheikh Hasina Political Controversy: तीसरी बार किया अनुरोध

मंत्रालय ने कहा कि हसीना को अपने यहां रखना “अमित्र व्यवहार का गंभीर कृत्य” है और इसे “मानवता के विरुद्ध अपराधों के दोषी इन व्यक्तियों को शरण देना किसी अन्य देश के लिए न्याय का उपहास” की तरह है। भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसने हसीना के फैसले पर “ध्यान” दिया है, लेकिन भारत ने अभी तक उनके प्रत्यर्पण की संभावनाओं पर कोई टिप्पणी नहीं की है। बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम अलो के अनुसार, ढाका ने अब तक कम से कम तीन ऐसे प्रत्यर्पण अनुरोध किए हैं।

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