ब्रिटेन बढ़ते आव्रजन से सख्ती से निपटने के लिए डेनमार्क मॉडल पर कर रहा विचार

ब्रिटेन बढ़ते आव्रजन से सख्ती से निपटने के लिए डेनमार्क मॉडल पर कर रहा विचार

ब्रिटेन बढ़ते आव्रजन से सख्ती से निपटने के लिए डेनमार्क मॉडल पर कर रहा विचार
Modified Date: November 9, 2025 / 05:04 pm IST
Published Date: November 9, 2025 5:04 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, नौ नवंबर (भाषा) ब्रिटेन की गृहमंत्री शबाना महमूद बढ़ते आव्रजन से निपटने के लिए ‘डेनमार्क मॉडल’ अपनाने पर विचार कर रही हैं, जिसमें कड़े नियंत्रण और शरण प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन की योजना शामिल है। ब्रिटिश मीडिया ने इस सप्ताहांत यह खबर दी।

डेनमार्क को यूरोप में आव्रजन के मामले में सबसे कठोर देशों में से एक माना जाता है। खबर है कि महमूद ने हाल में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को डेनमार्क मॉडल का अध्ययन करने के लिए कोपेनहेगन भेजा है ताकि उस मॉडल को ब्रिटेन में भी लागू किया जा सके।

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डेनमार्क संघर्षरत इलाकों से आकर सफलतापूर्वक शरण प्राप्त करने वाले अधिकांश लोगों को केवल अस्थायी आधार पर ही तबतक रहने की अनुमति देता है जबतक सरकार उनके गृह देशों को उनके लौटने के लिए सुरक्षित घोषित नहीं कर देती।

बीबीसी के मुताबिक डेनमार्क में पारिवार के आधार पर साथ रहने के लिए कड़े नियमों ने ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के अधिकारियों का भी ध्यान आकर्षित किया है। इसमें वित्तीय आवश्यकताएं और जबरन विवाह को रोकने के लिए रहने के अधिकार के वास्ते 24 वर्ष से अधिक आयु सीमा और देश में प्रवासी बस्तियों के निर्माण को रोकने के लिए सख्त आवास नियम शामिल हैं।

‘द संडे टाइम्स’ के अनुसार, ब्रिटेन में रहने के इच्छुक शरणार्थियों को उच्च स्तर की अंग्रेजी सीखनी होगी और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए। शरण मिलने पर उन्हें अपने आवास और अन्य सुविधाओं का खर्च भी चुकाना पड़ सकता है।

खबर में एक लीक हुए दस्तावेज का हवाला दिया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि गृह मंत्रालय ने कम से कम 14 स्थानों की पहचान की है, जहां 10,000 प्रवासियों को रखा जा सकता है। यह व्यवस्था में बड़े बदलाव का हिस्सा है, ताकि कठोर शर्तें लागू की जा सकें और अधिकांश प्रवासियों को ब्रिटेन में अस्थायी रूप से रहने के लिए प्रतिबंधित किया जा सके।

भाषा धीरज राजकुमार

राजकुमार


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