चीन की परंपरागत चिकित्सा में रुचि रखने वालों ने भारतीय दूतावास में आयुर्वेद पर कार्यशाला में हिस्सा लिया

चीन की परंपरागत चिकित्सा में रुचि रखने वालों ने भारतीय दूतावास में आयुर्वेद पर कार्यशाला में हिस्सा लिया

चीन की परंपरागत चिकित्सा में रुचि रखने वालों ने भारतीय दूतावास में आयुर्वेद पर कार्यशाला में हिस्सा लिया
Modified Date: October 24, 2025 / 05:44 pm IST
Published Date: October 24, 2025 5:44 pm IST

बीजिंग, 24 अक्टूबर (भाषा) भारतीय दूतावास द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक आयुर्वेद कार्यशाला में चीन की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

‘मानसिक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद’ शीर्षक वाली इस कार्यशाला का नेतृत्व डॉ. धनवंतरी झा और डॉ. निधि झा ने किया।

दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बताया कि सत्रों में तनाव प्रबंधन, ‘शिरोधारा’, ‘प्राणायाम’ और ध्यान पर चर्चा की गई – जिसमें प्राचीन ज्ञान को आधुनिक आवश्यकताओं के साथ मिश्रित किया गया।

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चीन में उप राजदूत अभिषेक शुक्ला ने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण पारंपरिक चिकित्सा के रूप में आयुर्वेद चिकित्सा के उद्भव के बारे में बात की।

हाल के वर्षों में आयुर्वेद पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) की भूमि चीन में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।

केरल के एक चिकित्सक दंपति, डॉ. चांगमपल्ली किझाक्किलाथ (38) और उनकी पत्नी, डॉ. डेन शफीक (36) ने चीनी शहर ग्वांगझोउ में एक आयुर्वेद क्लिनिक स्थापित किया है।

भाषा वैभव देवेंद्र

देवेंद्र


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