जलवायु परिवर्तन वास्तविक है, भारत दिसंबर तक एनडीसी घोषित करेगा: पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव

जलवायु परिवर्तन वास्तविक है, भारत दिसंबर तक एनडीसी घोषित करेगा: पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव

जलवायु परिवर्तन वास्तविक है, भारत दिसंबर तक एनडीसी घोषित करेगा: पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव
Modified Date: November 18, 2025 / 08:34 am IST
Published Date: November 18, 2025 8:34 am IST

(त्रिदीप लाखड़)

बेलेम (ब्राजील), 18 नवंबर (भाषा) पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि भारत दिसंबर तक 2035 के लिए अपना संशोधित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) जमा करेगा। साथ ही उन्होंने विकसित देशों से यह भी अपील की कि वे अपने ‘नेट-जीरो’ लक्ष्यों को वर्तमान समयसीमा से काफी पहले हासिल करें।

‘नेट-जीरो’ लक्ष्य का मतलब है कि एक देश, कंपनी या दुनिया कुल मिलाकर जितनी ग्रीनहाउस गैसें (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड) वायुमंडल में छोड़ती है, उतनी ही मात्रा में उन्हें हटाने की व्यवस्था भी करे।

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संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (सीओपी30) के उच्च-स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन ‘‘वास्तविक और आसन्न खतरा’’ है, जो अस्थिर विकास और अस्थायी वृद्धि की प्रवृत्ति से उत्पन्न हुआ है।

सीओपी30 के एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने औद्योगिक परिवर्तन को तेज करने के लिए वैश्विक साझेदारी की आवश्यकता पर जोर दिया और औद्योगिक उप-उत्पादों से मूल्य निर्माण पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की घोषणा की।

पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘‘विकसित देशों को अपने मौजूदा लक्ष्य वर्षों से बहुत पहले नेट-जीरो तक पहुंचना चाहिए, पेरिस समझौते के अनुच्छेद 9.1 के तहत अपनी जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए और नए, अतिरिक्त व रियायती जलवायु वित्त का प्रावधान करना चाहिए, जिसका अनुमान ट्रिलियन डॉलर में है।’’

यादव ने कहा कि जलवायु लक्ष्यों का क्रियान्वयन पर्याप्त, सुलभ और किफायती होना चाहिए तथा उस पर बौद्धिक संपदा अधिकारों की सीमाएं नहीं होनी चाहिए।

भारत के लक्ष्यों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में शुरू किए गए परमाणु अभियान और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन ने भारत की 2070 तक नेट-जीरो हासिल करने की यात्रा को और तेज किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम 2035 तक के संशोधित एनडीसी और अपनी पहली द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट भी जारी करेंगे।’’

एनडीसी जमा करने में देरी के सवाल पर यादव ने बताया कि कैबिनेट अनुमोदन सहित आंतरिक प्रक्रियाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने स्पष्ट किया है कि इसे जल्द जारी कर देंगे। यह दिसंबर तक आ जाएगा।’’

एनडीसी पेरिस समझौते के तहत देशों की राष्ट्रीय जलवायु योजनाएं होती हैं, जिनमें उत्सर्जन घटाने और जलवायु प्रभावों के अनुरूप बनने के लक्ष्य शामिल होते हैं। यह लक्ष्य वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में मदद करते हैं।

देशों को इस वर्ष 2031-2035 अवधि के लिए अपने तीसरे दौर के एनडीसी जमा करने हैं। अधिकांश देशों ने सीओपी30 शुरू होने से पहले ही अपने संशोधित एनडीसी जमा कर दिए हैं।

सीओपी30 के दौरान यादव ने ब्रिटेन के ऊर्जा सुरक्षा और नेट-जीरो के सचिव एडवर्ड मिलिबैंड से भी मुलाकात की।

उच्च-स्तरीय सत्र के दौरान अपने भाषण में यादव ने कहा कि सीओपी30 पेरिस समझौते के एक दशक पूरे होने का प्रतीक है, जो दुनिया के सामूहिक संकल्प का मूल्यांकन करने का समय है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसने हमें याद दिलाया है कि जलवायु परिवर्तन कोई दूर की बात नहीं रह गया-यह वास्तविक और आसन्न है। अस्थिर वृद्धि और विकास ने पृथ्वी को गहरे संकट में डाल दिया है।’’

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के इस निकाय को बताया कि पेरिस समझौते के तहत कार्बन सिंक और भंडार के संरक्षण और विकास के लक्ष्य के अनुरूप भारत में सामुदायिक पहल के माध्यम से सिर्फ 16 महीनों में दो अरब पौधे लगाए गए।

संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन रूपरेखा सम्मेलन के अंतर्गत होने वाले वार्षिक सीओपी30 में 190 से अधिक देशों के वार्ताकार भाग ले रहे हैं। सीओपी30 का आयोजन ब्राज़ील के अमेज़न क्षेत्र के बेलेम में 10 से 21 नवंबर तक हो रहा है।

मेजबान देश की सराहना करते हुए यादव ने कहा, ‘‘भारत की ओर से मैं ब्राजील सरकार और बेलेम के लोगों को सीओपी30 की मेजबानी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं, जो अमेजन के हृदय में स्थित है और हमारे ग्रह की पारिस्थितिक संपदा का जीवंत प्रतीक है।’’

भाषा गोला सुमित

गोला


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