जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में ही घोषणापत्र अपनाया गया : दक्षिण अफ्रीका
जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत में ही घोषणापत्र अपनाया गया : दक्षिण अफ्रीका
जोहानिसबर्ग, 22 नवंबर (एपी) विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के समूह जी-20 के विश्व नेताओं ने दक्षिण अफ्रीका में शनिवार को शिखर सम्मेलन की शुरुआत में ही एक घोषणा-पत्र को अपनाया, जबकि अमेरिका ने मेजबान देश के साथ कूटनीतिक तनातनी के कारण दो-दिवसीय बैठक का बहिष्कार किया है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के प्रवक्ता विन्सेंट मैग्वेन्या ने कहा कि जोहानिसबर्ग में सम्मेलन की शुरुआत में नेताओं के घोषणा-पत्र को सदस्यों ने सर्वसम्मति से स्वीकार लिया।
मैग्वेन्या ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आमतौर पर घोषणा-पत्र को सबसे आखिर में अपनाया जाता है, लेकिन…ऐसा लगा कि हमें सम्मेलन घोषणा-पत्र को सबसे पहले स्वीकार करने की तरफ बढ़ना चाहिए।’’
घोषणा-पत्र में क्या है, इसका कोई विवरण उपलब्ध नहीं है। दक्षिण अफ्रीका ने इसे अफ्रीका में पहले जी20 शिखर सम्मेलन के तौर पर प्रचारित किया है। जी 20 सम्मेलन आमतौर पर नेताओं के घोषणा-पत्र के साथ खत्म होते हैं, जिसमें सदस्य देशों के बीच हुए किसी भी बड़े समझौते के विवरण होते है।
दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण अफ्रीका पर दबाव डाला था कि वह अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की गैर-मौजूदगी में घोषणा-पत्र को न अपनाए।
दो दिन के इस सम्मेलन में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश हिस्सा नहीं ले रहा, क्योंकि ट्रंप का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका श्वेत-विरोधी नस्लवादी नीति अपना रहा है और अपने अफ्रीकी श्वेत अल्पसंख्यकों पर जुल्म कर रहा है।
दक्षिण अफ्रीका की कई ज़रूरतों, खासकर जलवायु परिवर्तन पर ध्यान और वैश्विक असमानता से जुड़े मुद्दों पर उसे अमेरिका से विरोध का सामना करना पड़ा है। सम्मेलन की शुरुआत करते हुए, रामफोसा ने कहा कि अमेरिका की गैर-मौजूदगी में भी ‘‘आम सहमति बन गई है।’’
दक्षिण अफ्रीका चाहता है कि नेता वैश्विक असमानता रोकने के प्रयासों के तहत गरीब देशों को पर्यावरण से जुड़ी आपदाओं से उबरने, उनके विदेशी कर्ज़ के बोझ को कम करने, हरित ऊर्जा स्रोत की ओर बढ़ने तथा अपने जरूरी संसाधन का इस्तेमाल करने के लिए और मदद देने पर सहमत हों।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्रंप की गैरमौजूदगी पर कहा, ‘‘मुझे इसका अफसोस है, लेकिन इससे हमें रुकावट नहीं आनी चाहिए। हमारा फ़र्ज़ है कि हम मौजूद रहें, एकजुट हों और सब मिलकर काम करें, क्योंकि हमारे सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं।”
जी20 असल में 21 सदस्यों का समूह है, जिसमें 19 देश, यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ शामिल हैं।
एपी आशीष सुरेश
सुरेश

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