विवादों, मतभेदों का समाधान बातचीत और कूटनीति से होता है: एससीओ में पाक विदेश मंत्री

विवादों, मतभेदों का समाधान बातचीत और कूटनीति से होता है: एससीओ में पाक विदेश मंत्री

विवादों, मतभेदों का समाधान बातचीत और कूटनीति से होता है: एससीओ में पाक विदेश मंत्री
Modified Date: July 15, 2025 / 10:08 pm IST
Published Date: July 15, 2025 10:08 pm IST

तियानजिन (चीन), 15 जुलाई (भाषा) पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने मंगलवार को भारत सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांति और स्थिरता पर आधारित संबंध कायम करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि विवादों और मतभेदों का समाधान संघर्ष और दबाव के बजाय बातचीत और कूटनीति के माध्यम से किया जाता है।

चीन के तियानजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए डार ने कहा कि पिछले तीन महीनों में दक्षिण एशिया में ‘‘बेहद परेशान करने वाली घटनाएं’’ हुईं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पहलगाम हमले का दोष पाकिस्तान पर — बिना किसी विश्वसनीय जांच या ठोस सबूत के — मढ़ा गया, जिससे दो परमाणु संपन्न देशों के बीच बड़ा टकराव होने की नौबत आ गई।’’

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भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए सात मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों व अन्य सुविधाओं पर हमले किए थे।

चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान 10 मई को सैन्य संघर्ष रोकने के लिए एक समझौते पर पहुंचे।

डार ने कहा, ‘‘पाकिस्तान संघर्ष-विराम और स्थिर क्षेत्रीय संतुलन कायम करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। हालांकि, हम यह स्वीकार नहीं कर सकते कि बल का मनमाना प्रयोग सामान्य हो जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि विवादों और मतभेदों का समाधान संघर्ष और दबाव के बजाय बातचीत और कूटनीति के माध्यम से किया जाता है।’’

डार ने कहा, ‘‘इसके मद्देनजर एक व्यापक और संरचित वार्ता की शुरुआत से उन सभी मुद्दों का सार्थक समाधान हो सकता है, जो लंबे समय से दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं। इस संबंध में द्विपक्षीय समझौतों का सख्ती से पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण होगा।’’

उन्होंने कहा कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद से क्षेत्र में घटित घटनाओं ने ‘‘दक्षिण एशियाई भू-राजनीति के इस महत्वपूर्ण सत्य की पुष्टि की है कि क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए लंबे समय से अनसुलझे विवादों का शांतिपूर्ण समाधान अनिवार्य है’’।

डार ने कहा, ‘‘आतंकवाद मानवता की साझा चिंता है और यह वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है। राज्य प्रायोजित आतंकवाद सहित सभी प्रकार के आतंकवाद निंदनीय हैं। हमें राजनीतिक उद्देश्यों के लिए आतंकवाद के इस्तेमाल से बचना चाहिए और इसके मूल कारणों का समाधान करने सहित एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से इस खतरे का मुकाबला करना चाहिए।’’

उन्होंने पिछले महीने ईरान पर इजराइल और अमेरिका की ओर से किए गए हमलों की भी निंदा की और कहा कि यह ‘‘अस्वीकार्य’’ है।

डार ने कहा कि इजराइल ने गाजा पट्टी में अपने अथक और अनुपातहीन बल प्रयोग के जरिये अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और मानवता के प्रति लापरवाहीपूर्ण उपेक्षा दिखाई है, जिसके परिणामस्वरूप हजारों नागरिकों की मौत हुई है और क्षेत्र में सबसे खराब मानवीय संकट पैदा हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इजराइल के अत्याचारों पर तत्काल रोक लगाने का आह्वान करते हैं। फलस्तीन विवाद का एकमात्र व्यावहारिक समाधान दो-राज्य समाधान की प्राप्ति है, जिसमें 1967 से पहले की सीमाओं के आधार पर फलस्तीन को एक व्यवहार्य, सुरक्षित और सन्निहित राज्य के रूप में स्थापित करना शामिल है, जिसकी राजधानी अल कुद्स हो।’’

डार ने कहा कि पाकिस्तान आक्रामकता को नीतिगत औजार के रूप में इस्तेमाल करने की बढ़ती प्रवृत्ति से चिंतित है।

उन्होंने लंबे समय से चले आ रहे विवादों को शांतिपूर्ण तरीके, बातचीत, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून, न्याय एवं निष्पक्षता के सिद्धांतों के अनुसार सुलझाने का आह्वान किया।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘हमें व्यापार और विकास के लिए एससीओ के मौजूदा तंत्र के अंतर्गत ठोस कदम उठाने की जरूरत है। हमें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय झटकों से बचने के लिए एससीओ क्षेत्र के भीतर आपसी निपटान के वास्ते राष्ट्रीय मुद्राओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देना होगा।’’

उन्होंने एससीओ सदस्यों से जलवायु परिवर्तन के खतरों से सामूहिक रूप से निपटने का आह्वान किया और कहा कि ऐसे समय में जब वैश्विक व्यवस्था गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है, एससीओ एक स्थिरताकारी शक्ति के रूप में उभरा है।

बैठक के बाद डार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में हमने बहुपक्षवाद, पारस्परिक सम्मान और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की। शंघाई भावना संवाद, पारस्परिक विश्वास और एक अधिक न्यायसंगत एवं समावेशी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की दिशा में हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी।’’

एससीओ 10 देशों का एक यूरेशियाई सुरक्षा और राजनीतिक समूह है, जिसमें चीन, रूस, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस शामिल हैं। चीन वर्तमान में एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है।

भाषा

पारुल दिलीप

दिलीप


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