दिवाली भारत और अमेरिका के बीच साझा मूल्यों को प्रदर्शित करती है: रिचर्ड वर्मा |

दिवाली भारत और अमेरिका के बीच साझा मूल्यों को प्रदर्शित करती है: रिचर्ड वर्मा

दिवाली भारत और अमेरिका के बीच साझा मूल्यों को प्रदर्शित करती है: रिचर्ड वर्मा

दिवाली भारत और अमेरिका के बीच साझा मूल्यों को प्रदर्शित करती है: रिचर्ड वर्मा
Modified Date: October 31, 2024 / 10:35 am IST
Published Date: October 31, 2024 10:35 am IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 31 अक्टूबर (भाषा) अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि प्रकाश पर्व दिवाली भारत और अमेरिका के बीच साझा मूल्यों को प्रदर्शित करता है।

दिवाली के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में प्रबंधन और संसाधनों के उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने कहा, ‘‘मैंने कई बार अमेरिका और भारत के बीच साझा मूल्यों के बारे में बात की है और वास्तव में यही वह चीज है हमें एक साथ बांधे रखती है।’’

भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत वर्मा ने कहा, ‘‘छुट्टी मनाने के लिए दिवाली से बेहतर और कोई दिन नहीं हो सकता है, यह एक ऐसा त्योहार है जो वास्तव में हमारे साझा मूल्यों की झलक पेश करता है।’’

‘कैनेडी सेंटर’ में ‘अमेरिका इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम’ (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा आयोजित इस समारोह में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, राजनयिक कोर के सदस्यों, भारतीय मूल के प्रतिष्ठित अमेरिकियों और उद्योग जगत के कार्यकारियों ने हिस्सा लिया।

वर्मा ने बचपन के दिनों में अपने माता-पिता के साथ दिवाली उत्सव मनाने के पलों को याद करते हुए कहा, ‘‘प्रकाश का यह पर्व, हमारी साझा यादें, हमारे साझा अनुभव और साझा भावनाएं… ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो दोनों देशों के लोगों को आपस में जोड़ती है। और यह सिर्फ एक पर्व से कहीं बढ़कर है। यह वास्तव में हमारी पहचान का एक अभिन्न अंग है, एक ऐसी सशक्त परंपरा है जिसका व्यक्ति के लिए गहरा अर्थ है। ’’

अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने दिवाली समारोह के लिए व्हाइट हाउस के दरवाजे खोलने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रशंसा की।

क्वात्रा ने कहा, ‘‘यह दिवाली मेरे लिए, हमारे लिए खास है। मुझे लगता है कि हम धन्य हैं कि अमेरिका में दिवाली से जुड़े समारोहों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अमेरिका के माननीय राष्ट्रपति ने कुछ दिन पहले ही दिवाली समारोहों के लिए व्हाइट हाउस के दरवाजे खोल दिए हैं। हम उनकी उदारता के लिए वास्तव में आभारी हैं।’’

भाषा खारी राजकुमार

राजकुमार

लेखक के बारे में