अभियंताओं ने मस्तिष्क को थ्रीडी प्रिंटेड प्रतिरोपण के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ा

अभियंताओं ने मस्तिष्क को थ्रीडी प्रिंटेड प्रतिरोपण के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ा

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  • Publish Date - September 22, 2020 / 05:15 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

(एच एस राव)

लंदन, 22 सितंबर (भाषा) मानव मस्तिष्क को कंप्यूटर से जोड़ देना आम तौर पर विज्ञान की काल्पनिक कथाओं में ही नजर आता है लेकिन तीन प्रमुख वैश्विक विश्वविद्यालयों के अभियंताओं और स्नायु विज्ञानियों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने इस प्रौद्योगिकी को सच्चाई के एक कदम करीब लाने में थ्री डी प्रिटिंग की ताकत का खंगाला है।

नेचर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में प्रकाशित नये अध्ययन में ब्रिटेन के शेफील्ड यूनिवर्सिटी, रूस के सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी और जर्मनी के टेक्नीसे यूनिवर्सीटैट ड्रेस्डेन के संयुक्त दल ने तंत्रिकीय प्रतिरोपण अंग की एक प्रतिकृति तैयार की है जिसका उपयोग तंत्रिका तंत्र की समस्याओं का इलाज विकसित करने के लिए किया जा सकता है।

(शेफील्ड के डिपार्टमेंट ऑफ ऑटोमैटिक कंट्रोल एडं सिस्टम कंट्रोल के) प्रोफेसर इवान मिनेव और (सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी) के प्रोफेसर पवेल मुसीनको की अगुवाई वाली इस अनुसंधान टीम के अनुसार इस तंत्रिका प्रतिरोपण अंग का मेरूरज्जू जख्म वाले पशुओं के मेरूदंड को उदीप्त करने के लिए इस्तेमाल किया गया है और उसका उपयोग पक्षाघात के शिकार इंसानों के वास्ते नया उपचार विकसित करने में किया जा सकता है।

मानव मस्तिष्क को तंत्रिका अंतर-फलक के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ना विज्ञान, प्रौद्योगिकी और मेडिसिन की पूरी दुनिया में कई अनुसंधानकर्ताओं के लिए एक महत्वाकांक्षा है और हाल की खबरें ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करने के प्रयासों को दर्शाती हैं।

इस दल ने दर्शाया कि कैसे थ्रीडी प्रिटिंग का तेजी से और कम लागत में प्रतिरोपण अंग तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है ताकि इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास रफ्तार पकड़ सके।

भाषा राजकुमार दिलीप

दिलीप