टीका विरोधी टिप्पणियों की भरमार से फेसबुक के तंत्र में मची थी हलचल

टीका विरोधी टिप्पणियों की भरमार से फेसबुक के तंत्र में मची थी हलचल

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  • Publish Date - October 26, 2021 / 09:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

वाशिंगटन, 26 अक्टूबर (एपी) सोशल मीडिया पर मार्च में जब कोरोना वायरस रोधी टीकों के खतरों और इन्हें अप्रभावी बताने वाली टिप्पणियों की भरमार हो गई तो फेसबुक के कुछ कर्मचारियों को लगा कि उन्हें मदद करने का एक तरीका मिल गया है।

कंपनी के अनुसंधानकर्ताओं ने महसूस किया कि वे कोविड-19 रोधी टीकों के बारे में भ्रामक सूचना पर रोक लगा सकते हैं और उपयोगकर्ताओं को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) जैसे वैध स्रोतों से पोस्ट की पेशकश कर सकते हैं।

फेसबुक के एक कर्मचारी ने मार्च में एक आंतरिक मेमो के जवाब में लिखा था, ‘‘इन परिणामों को देखते हुए, मैं मान रहा हूं कि हम एएसएपी लॉन्च करने की उम्मीद कर रहे हैं।”

इसके बजाय, फेसबुक ने अध्ययन के कुछ सुझावों को टाल दिया। अन्य परिवर्तन अप्रैल तक नहीं किए गए थे।

जब एक अन्य फेसबुक अनुसंधानकर्ता ने मार्च में टीके से संबंधित प्रतिकूल टिप्पणियों को बेअसर करने का सुझाव दिया तो उस प्रस्ताव को नजरअंदाज कर दिया गया।

आलोचकों का कहना है कि फेसबुक ने कार्रवाई करने में ढिलाई बरती क्योंकि उसे चिंता थी कि कहीं कंपनी का मुनाफा प्रभावित न हो जाए।

फेसबुक ने एक ईमेल में दिए गए बयान में कहा कि उसने मुद्दे पर इस साल ‘काफी प्रगति’ की है।

फेसबुक की आंतरिक चर्चाएं सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन को किए गए खुलासे में सामने आईं और जानकारी कांग्रेस को फेसबुक की कर्मचारी से व्हिसलब्लोअर बनीं फ्रांसेस हौगेन के कानूनी सलाहकार द्वारा संशोधित रूप में प्रदान की गई।

कांग्रेस द्वारा प्राप्त संशोधित संस्करण द एसोसिएटेड प्रेस सहित समाचार संगठनों के एक संघ को प्राप्त हुए हैं।

एपी

नेत्रपाल पवनेश

पवनेश