Sushila Karki Nepal: पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को मिलेगी अशांत नेपाल की कमान!.. ‘संसद भंग होगी या रहेगी बरकरार’ यही लेंगी फैसला
पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की बन सकतीं हैं नेपाल की कार्यवाहक सरकार की प्रमुख
Sushila Karki Nepal || Image- The Indian Express FILE
- सुशीला कार्की बन सकती हैं पहली महिला प्रधानमंत्री
- जेन-जेड आंदोलन से सरकार पर पड़ा दबाव
- ओली ने इस्तीफा दिया, कर्फ्यू में मिली ढील
Sushila Karki Nepal: काठमांडू: पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को नेपाल की कार्यवाहक सरकार का प्रमुख नियुक्त किए जाने की संभावना है, जो आंदोलनकारी समूह की मांगों को पूरा करते हुए देश में नए सिरे से चुनाव कराएंगी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले ‘जेन जेड’ समूह के प्रतिनिधियों, सेना प्रमुख और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल सहित विभिन्न हितधारकों के बीच वार्ता बृहस्पतिवार आधी रात को समाप्त हो गई , हालांकि वार्ता के कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए।
नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री!
वर्ष 1997 से लेकर 2012 तक के बीच जन्में युवाओं को प्राय: जेन जेड पीढ़ी के नाम से जाना जाता है। कई सूत्रों के अनुसार युवाओं के नेतृत्व वाले जेन जेड समूह ने नए प्रधानमंत्री पद के लिए कार्की के नाम का प्रस्ताव रखा है। राष्ट्रपति पौडेल शुक्रवार सुबह कार्की को नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकते हैं। राष्ट्रपति के करीबी सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति वर्तमान राजनीतिक गतिरोध से बाहर निकलने का रास्ता खोजने के लिए विभिन्न राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ परामर्श कर रहे हैं।
Sushila Karki Nepal: नयी सरकार बनाने के लिए दो विकल्पों पर विचार किया गया है: संसद भंग करना या उसे बरकरार रखना। हालांकि, आंदोलनकारी समूह संवैधानिक ढांचे के भीतर समाधान खोजने पर सहमत हो गया है। इस बीच, लोगों को राहत देने के लिए सुबह सात बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई है इसके बाद शाम पांच बजे तक प्रतिबंधात्मक आदेश लागू रहेंगे। कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी जाएगी इसके बाद शाम सात बजे से अगली सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा।
अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 34
भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जेड’ द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे जिसके तुरंत बाद मंगलवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था। राष्ट्रपति पौडेल ने ओली का इस्तीफा स्वीकार कर लिया लेकिन कहा है कि उनके नेतृत्व वाला मंत्रिमंडल नयी मंत्रिपरिषद के गठन तक सरकार चलाता रहेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार और मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है।

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