इजराइल-अर्जेंटीना के पूर्व बंधक ने हमास के कब्जे से भाई को छुड़ाने के लिए लड़ाई जारी रखी

इजराइल-अर्जेंटीना के पूर्व बंधक ने हमास के कब्जे से भाई को छुड़ाने के लिए लड़ाई जारी रखी

इजराइल-अर्जेंटीना के पूर्व बंधक ने हमास के कब्जे से भाई को छुड़ाने के लिए लड़ाई जारी रखी
Modified Date: July 28, 2025 / 03:37 pm IST
Published Date: July 28, 2025 3:37 pm IST

कफर सबा (इजराइल), 28 जुलाई (एपी) गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के इजराइल के ऐलान के बीच, एक पूर्व इजराइली-अर्जेंटीनियाई बंधक को अपने प्रत्यक्ष अनुभव से पता है कि इसका चरमंथी संगठन हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के लिए क्या मतलब हो सकता है।

डेढ़ साल तक कैद में रहने वाले इयर हॉर्न ने कहा कि बंधकों को यह पता चल जाता था कि कब अधिक सहायता उपलब्ध थी, क्योंकि उन्हें अधिक भोजन मिलता था।

हॉर्न ने कहा, ‘‘जब खाना कम होता है, तो बंधकों को भी यह कम मिलता है। जब सहायता उपलब्ध होती है, तो संभावना है कि आपको खीरा मिल जाए।’’

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हमास के हमले के बाद 46 वर्षीय इयर हॉर्न को सात अक्टूबर 2023 को किबुत्ज नीर ओज से 250 अन्य लोगों के साथ अगवा किया गया था। वह 498 दिन तक गाजा में एक भूमिगत सुरंग में बंधक बनाकर रखे गए, जहां उनके साथ उनके छोटे भाई ईतान हॉर्न (38) भी थे। हॉर्न को 15 फरवरी को रिहा किया गया था।

रिहाई के बाद से, हॉर्न गाजा में अब भी बंधक अपने भाई ईतान और 50 अन्य लोगों की रिहाई के लिए संघर्ष कर रहे हैं। माना जाता है कि इन बंधकों में से 20 अब भी जीवित हैं।

इयर ने कहा कि इस सप्ताहांत फिर से इजराइल और हमास के बीच बातचीत ठप हो जाना उनके परिवार के लिए निराशाजनक था। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई नेताओं से मुलाकात कर बंधकों की रिहाई की अपील की है।

उन्होंने कहा, “मैं राजनीति नहीं समझता, मैं केवल इतना चाहता हूं कि मेरा भाई वापस आए।’’

इयर और उनके भाई ईतान को शुरू में अलग-अलग रखा गया था, फिर लगभग 50वें दिन उन्हें एक साथ रखा गया। दोनों भाइयों ने कैद के दौरान बचपन की यादें साझा कीं और एक-दूसरे का हौसला बढ़ाया।

उनके माता-पिता के बीच तलाक हो चुका है। इयर की मां रुटी चमेल स्ट्रम ने कहा है कि उन्होंने तीनों भाइयों को पाला है और वे एक-दूसरे के मजबूत सहारे हैं।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि गाजा में इजराइल के युद्ध में अब तक 59,700 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं। मंत्रालय उग्रवादियों और नागरिकों के बीच अंतर नहीं करता है।

एपी मनीषा संतोष

संतोष


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