सरकार बिना पर्याप्त आधार के मुझे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही: पूर्व प्रधानमंत्री ओली

सरकार बिना पर्याप्त आधार के मुझे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही: पूर्व प्रधानमंत्री ओली

सरकार बिना पर्याप्त आधार के मुझे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही: पूर्व प्रधानमंत्री ओली
Modified Date: October 19, 2025 / 08:29 pm IST
Published Date: October 19, 2025 8:29 pm IST

(शिरीष बी प्रधान)

काठमांडू, 19 अक्टूबर (भाषा) नेपाल के अपदस्थ प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने रविवार को कहा कि मौजूदा सरकार बिना किसी पर्याप्त आधार के उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पांच मार्च 2026 को आम चुनाव कराने को लेकर गंभीर नहीं है।

सत्ता से बेदखल होने के लगभग एक महीने बाद काठमांडू में संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों के साथ अपनी पहली बातचीत के दौरान ओली ने कहा कि उनकी पार्टी सीपीएन (यूएमएल) भंग प्रतिनिधि सभा को बहाल करने की मांग करेगी।

 ⁠

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार उन्हें किसी भी तरह से गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है, जबकि उसके पास इसके लिए कोई पर्याप्त आधार नहीं है।

ओली ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के मुद्दे पर अपनी सरकार के खिलाफ ‘जेन जेड’ समूह के हिंसक प्रदर्शन के बाद सितंबर की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

नेपाल के उच्चतम न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश रह चुकीं सुशीला कार्की 12 सितंबर को अंतरिम प्रधानमंत्री बनी थीं। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने उनकी सिफारिश पर प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था। अगले आम चुनाव के लिए पांच मार्च 2026 की तिथि घोषित की गई है।

‘जेन जेड’ समूह के सदस्य प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल प्रयोग का आरोप लगाते हुए सरकार से तत्कालीन प्रधानमंत्री ओली और गृह मंत्री रमेश लेखक को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।

ओली ने कहा कि ‘जेन जेड’ समूह के विरोध-प्रदर्शन के दौरान की गई आगजनी और तोड़फोड़ बाहरी तत्वों की घुसपैठ के कारण हुई थी, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वे कौन थे।

पूर्व प्रधानमंत्री ने खतरे के बावजूद अपने कुछ सुरक्षाकर्मियों को वापस बुलाने के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए माहौल नहीं बनाया है।

ओली ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के हमले के बाद सेना द्वारा बालुवाटार स्थित प्रधानमंत्री आवास से सुरक्षित निकाले जाने के बाद, कुछ दिनों के लिए उनका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया था।

पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि उनके कार्यकाल के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर थी और मीडिया अधिक सुरक्षित था। उन्होंने कहा कि अब मीडिया असुरक्षित हो गया है और उसने स्व-सेंसरशिप शुरू कर दी है।

ओली ने मीडिया पर ‘जेन जेड’ समूह के नाम पर की गई तोड़फोड़ और आगजनी को कवर नहीं करने का आरोप लगाया। विरोध-प्रदर्शन के दौरान सिंहदरबार स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय, उच्चतम न्यायालय, संसद भवन और भ्रष्टाचार विरोधी निकाय सहित कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया था।

ओली ने कहा कि उन्होंने विरोध-प्रदर्शन के दौरान ‘जेन जेड’ समूह के सदस्यों की ओर से पेश किए गए ‘नेपो-किड्स’ के विचार को स्वीकार नहीं किया।

‘जेन जेड’ समूह के सदस्यों ने भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया साइट पर प्रतिबंध के खिलाफ आठ-नौ सितंबर को आंदोलन शुरू करने से ठीक पहले ‘नेपो-किड्स’ या ‘नेपो-बेब’ आंदोलन शुरू किया था। इसका मकसद प्रभावशाली लोगों और नेताओं के बच्चों की विलासितापूर्ण जीवनशैली के प्रति गुस्सा जाहिर करना था, जो उनके माता-पिता द्वारा कथित तौर पर भ्रष्टाचार से अर्जित धन से वित्तपोषित है।

ओली ने कहा, “मैंने ‘जेन जेड’ सदस्यों की ओर से शुरू किए गए ‘नेपो-बेब’ अभियान को स्वीकार नहीं किया, जिसने नेपाली लोगों में दहशत पैदा कर दी है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कार्की के नेतृत्व वाली सरकार असंवैधानिक तरीके से गठित की गई।

भाषा पारुल दिलीप

दिलीप


लेखक के बारे में