बुडापेस्ट, 14 अप्रैल (एपी) हंगरी की संसद ने संविधान में प्रस्तावित उस संशोधन को सोमवार को पारित कर दिया, जो सरकार को एलजीबीटीक्यू समुदाय से जुड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है।
कानूनविदों और आलोचकों ने इस फैसले को एलजीबीटीक्यू (समलैंगिक, उभयलिंगी, ट्रांसजेंडर, क्वीर और क्वेश्चनिंग) समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने और निरंकुशता की दिशा में उठाया गया एक और कदम करार दिया।
प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के नेतृत्व वाले फाइड्ज-केडीएनपी गठबंधन ने संविधान में संशोधन के लिए उक्त प्रस्ताव पेश किया था। संसद में मतदान के दौरान इस विधेयक के पक्ष में 140, जबकि विरोध में 21 वोट पड़े।
मतदान से पहले विपक्षी नेताओं और अन्य प्रदर्शनकारियों ने संसद के पार्किंग गैराज के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध करने की कोशिश की, ताकि सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्य परिसर में दाखिल न हो सकें। हालांकि, पुलिस ने बल प्रयोग के जरिये प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया।
उक्त संशोधन एलजीबीटीक्यू समुदाय से जुड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगाने का प्रावधान करता है, जिसमें राजधानी बुडापेस्ट में हर साल आयोजित होने वाला लोकप्रिय ‘प्राइड कार्यक्रम’ भी शामिल है, जिसमें हजारों लोग हिस्सा लेते हैं।
एपी पारुल सुभाष
सुभाष
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