IMF प्रमुख ने कहा- 2009 से भी बदतर वैश्विक मंदी की ओर बढ़ रहा विश्व

IMF प्रमुख ने कहा- 2009 से भी बदतर वैश्विक मंदी की ओर बढ़ रहा विश्व

IMF प्रमुख ने कहा- 2009 से भी बदतर वैश्विक मंदी की ओर बढ़ रहा विश्व
Modified Date: November 29, 2022 / 09:01 pm IST
Published Date: March 28, 2020 2:56 am IST

नई दिल्ली । कोरोना वायरस ने पूरे विश्व को अपनी जद में ले रखा है, इस समय पूरे विश्व में उत्पादन ठप्प हो गय है। आर्थिक गतिविधियां या तो बंद हैं या फिर बेहद सुस्त अवस्था में संचालति हो रही हैं। इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानि IMF की चेयरमैन क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल दिया है, जिससे विकासशील देशों को मदद के लिए बड़े पैमाने पर धन की आवश्यकता होगी।

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न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, शुक्रवार को आईएमएफ चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि हमने एक मंदी में प्रवेश किया है, जो कि वैश्विक वित्तीय संकट के बाद 2009 से भी बदतर होगा। आईएमएफ प्रमुख ने कहा है कि दुनिया भर में आर्थिक बंदी के साथ उभरते बाजारों की समग्र वित्तीय जरूरतों के लिए लगभग 2.5 ट्रिलियन डॉलर की जरुरत है।

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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख क्रिस्टेलिना जॉर्जिवा ने शुक्रवार को वॉशिंगटन स्थित लैंडर्स स्टीयरिंग कमेटी के साथ हुई बैठक के बाद यह बात कही। आईएमएफ चीफ ने कहा- यह साफ हो चुका है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में है और हालात 2009 से ज्यादा बुरे हैं। मौजूदा हालात में विकासशील देशों को इससे उबारने में बड़े फंड की जरूरत होगी। शुरुआती अनुमान के मुताबिक यह राशि 2.5 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है। हालांकि, उन्होंने यह चेताया कि यह शुरुआती अनुमान है और यह राशि बढ़ भी सकती है।

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 उभरते बाजारों में सरकारें, जिन्होंने हाल के सप्ताहों में 83 बिलियन डॉलर से अधिक की पूंजी का पलायन किया है, उनमें से बहुत कुछ कवर किया जा सकता है, लेकिन स्पष्ट रूप से घरेलू संसाधन अपर्याप्त हैं और कई पर पहले से ही अधिक ऋण का बोझ है। उन्होंने कहा कि 80 से अधिक देशों, कम आय में, पहले ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से आपातकालीन सहायता का अनुरोध कर चुके हैं।

 

 

 


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