इमरान का प्रधान न्यायाधीश को पत्र; पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ उत्पीड़न की जांच के लिए आयोग की मांग

इमरान का प्रधान न्यायाधीश को पत्र; पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ उत्पीड़न की जांच के लिए आयोग की मांग

इमरान का प्रधान न्यायाधीश को पत्र; पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ उत्पीड़न की जांच के लिए आयोग की मांग
Modified Date: November 30, 2023 / 10:06 pm IST
Published Date: November 30, 2023 10:06 pm IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, 30 नवंबर (भाषा) जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा से उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के कथित राजनीतिक उत्पीड़न का संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए चुनाव से पहले उन सभी समस्याओं की जांच के लिएआयोग गठित करने का बृहस्पतिवार को अनुरोध किया, जो उनकी पार्टी सामना कर रही है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष खान का आरोप है कि उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को अगवा किया जा रहा है और राजनीतिक उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है।

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खान ने प्रधान न्यायाधीश ईसा को लिखे सात पन्नों के पत्र में उनसे पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 184(3) के इस्तेमाल का अनुरोध किया। यह अनुच्छेद जनता को अपनी राजनीतिक संबद्धता के अनुसार ‘एकजुट होने, जमा होने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के अधिकारों की रक्षा करता है।

क्रिकेटर से नेता बने 71-वर्षीय क्रिकेटर ने पत्रकारों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लापता होने की जांच के लिए एक आयोग के गठन की भी मांग की। देश में आठ फरवरी को मतदान होना है।

उन्होंने कहा कि सरकार की ‘मुकदमा चलाने और गिरफ्तार करने की शक्ति का इस्तेमाल देश के राजनीतिक परिदृश्य को बिगाड़ने के ज़बरदस्त प्रयास के तहत किया जा रहा है’।

खान ने अपने पत्र में यह भी कहा कि पीटीआई के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों को ‘बिना किसी प्रतिबंध या भेदभाव के मीडिया कवरेज’ की अनुमति दी जानी चाहिए।

देश की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी संस्था ‘पाकिस्तान मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी’ ने खान के भाषणों और सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है।

खान ने कहा, ‘वर्तमान में चल रही व्यापक गिरफ्तारियों और अपहरणों को रोकने में शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप के बिना, आठ फरवरी, 2024 को निष्पक्ष आम चुनाव होने की कोई संभावना नहीं है।’

विभिन्न मामलों का सामना कर रहे खान को वर्तमान में रावलपिंडी की अडियाला जेल में रखा गया है।

भाषा

सुरेश माधव

माधव


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