भारत ने बर्लिन में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक मंत्रिस्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण वचनबद्धता व्यक्त कीं

भारत ने बर्लिन में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक मंत्रिस्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण वचनबद्धता व्यक्त कीं

भारत ने बर्लिन में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक मंत्रिस्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण वचनबद्धता व्यक्त कीं
Modified Date: May 15, 2025 / 11:29 am IST
Published Date: May 15, 2025 11:29 am IST

संयुक्त राष्ट्र, 15 मई (भाषा) संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक अभियानों में सबसे अधिक सैन्य योगदान देने वाले देशों में से एक भारत ने शांतिरक्षक मंत्रिस्तरीय बैठक में महत्वपूर्ण वचनबद्धताएं व्यक्त की हैं जिनमें एक ‘क्विक रिएक्शन फोर्स कंपनी’ और एक महिला नीत ‘फॉर्म्ड पुलिस यूनिट’ (एफपीयू) का गठन शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक अभियानों से जुड़े विभाग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भारत ने एक ‘क्विक रिएक्शन फोर्स कंपनी’, एक सशस्त्र पुलिस या मिश्रित सशस्त्र पुलिस इकाई, एक महिला नीत ‘फॉर्म्ड पुलिस यूनिट’ (एफपीयू) और एक ‘काउंटर-इम्प्रोवाइज्ड विस्फोटक’ उपकरण/विस्फोटक आयुध निपटान इकाई के साथ-साथ एक के-9 इकाई और एक स्वाट पुलिस इकाई के गठन का संकल्प जताया है।

संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक अभियानों से जुड़े विभाग ने कहा, ‘‘भारत, आपके समर्थन के लिए आपका आभार।’’

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संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक मंत्रिस्तरीय बैठक बुधवार को बर्लिन में संपन्न हुई। इसमें 130 से अधिक सदस्य देश और अंतरराष्ट्रीय साझेदार (कुल मिलाकर एक हज़ार से अधिक प्रतिभागी) संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक अभियानों के प्रति अपने समर्थन की पुष्टि करने और उभरती वैश्विक चुनौतियों के सामने शांति अभियानों की प्रभावशीलता और अनुकूलनशीलता को बढ़ाने के उद्देश्य से ठोस प्रतिज्ञाओं की घोषणा करने के लिए एक साथ आए। कुल 74 सदस्य देशों ने प्रतिज्ञाएं कीं।

इस दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने भविष्य के लिए उपयुक्त शांतिरक्षक अभियानों को आकार देने तथा शांतिरक्षक अभियानों को अधिक अनुकूलनीय और लचीला बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

सितंबर 2024 तक 10 मिशनों में 153 महिलाओं सहित 5,384 कर्मियों के साथ भारत संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक अभियानों में योगदान देने वाले शीर्ष देशों में से एक है। लगभग 180 भारतीय शांतिरक्षण के विभिन्न अभियानों में मारे गए हैं, जो किसी भी सैन्य योगदान देने वाले देश से अब तक की सबसे अधिक संख्या है। भारत ने 2007 में लाइबेरिया में पहली महिला ‘एफपीयू’ तैनात की थी।

भाषा शोभना मनीषा

मनीषा


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