भारतीय राजदूत ने अमेरिकी संसद के सदस्यों के साथ व्यापार एवं ऊर्जा विषयों पर की चर्चा

भारतीय राजदूत ने अमेरिकी संसद के सदस्यों के साथ व्यापार एवं ऊर्जा विषयों पर की चर्चा

भारतीय राजदूत ने अमेरिकी संसद के सदस्यों के साथ व्यापार एवं ऊर्जा विषयों पर की चर्चा
Modified Date: August 20, 2025 / 09:21 pm IST
Published Date: August 20, 2025 9:21 pm IST

वाशिंगटन, 20 अगस्त (भाषा) अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के सदस्य वारेन डेविडसन के साथ बैठक कर वाशिंगटन और नयी दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की तथा उन्हें व्यापार और ऊर्जा के क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों से अवगत कराया।

राष्ट्रीय सुरक्षा, अवैध वित्त और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं पर प्रतिनिधि सभा की उपसमिति के अध्यक्ष डेविडसन के साथ इस बैठक से पहले क्वात्रा की प्रतिनिधि सभा में सरकारी कार्यों पर उपसमिति के अध्यक्ष प्रतिनिधि पीट सेशंस के साथ ‘सार्थक चर्चा’ हुई थी।

डेविडसन के साथ बैठक के बाद क्वात्रा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘(हमने) भारत-अमेरिका साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर उनके समर्थन का स्वागत किया और उन्हें व्यापार एवं ऊर्जा पहलुओं पर हाल के घटनाक्रमों से अवगत कराया।’’

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इससे पहले सेशंस के साथ चर्चा के बाद क्वात्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि उन्होंने उन्हें व्यापार समेत हाल के घटनाक्रमों पर भारत की स्थिति से अवगत कराया तथा दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा और बढ़ती हाइड्रोकार्बन साझेदारी पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

मंगलवार को क्वात्रा ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में ‘इंडिया कॉकस’ के उपाध्यक्ष मार्क वीसी के साथ एक “सार्थक चर्चा” की।

क्वात्रा ने कहा कि उन्होंने उन्हें हाल के घटनाक्रमों पर भारत की स्थिति से अवगत कराया तथा ‘हमारी साझेदारी को और मज़बूत करने के लिए निष्पक्ष, संतुलित एवं परस्पर लाभकारी व्यापार’ के महत्व पर ज़ोर दिया।

राजदूत ने मंगलवार को कांग्रेस सदस्य माइकल बॉमगार्टनर से भी बात की और दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका साझेदारी तथा आपसी व्यापार एवं ऊर्जा संबंधों पर नयी दिल्ली के दृष्टिकोण पर चर्चा की।

ये बैठकें ऐसे समय में हो रही हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाये जाने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इसमें नयी दिल्ली द्वारा रूसी तेल की खरीद पर 25 प्रतिशत शुल्क शामिल है, जो 27 अगस्त से लागू होगी।

भारत ने इन शुल्क को ‘अनुचित और अनुचित’ बताया है।

भाषा

राजकुमार प्रशांत

प्रशांत


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