लंदन, तीन फरवरी (भाषा) जान को खतरा पैदा करने वाली छोटी नौकाओं के जरिये इंग्लिश चैनल पार करके ब्रिटेन के समुद्र तटों पर अवैध रूप से पहुंचने के मामले में भारतीय नागरिक कथित तौर पर तीसरे सबसे बड़े प्रवासी समूह हैं।
‘द टाइम्स’ अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह कार्यालय के अधिकारियों का मानना है कि भारतीय छात्र नियमों में मौजूद उस खामी का इस्तेमाल कर रहे हैं जो शरण मांगने वालों को ब्रिटेन में अध्ययन करने और अंतरराष्ट्रीय शुल्क की तुलना में काफी कम रकम अदा करने की अनुमति देता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 250 भारतीय प्रवासियों ने इस साल छोटी नाकाओं के जरिये अपनी जान को जोखिम में डाल कर इंग्लिश चैनल को पार किया। यह संख्या पिछले साल इंग्लिश चैनल पार करने वालों से 233 अधिक है। इस तरह भारतीय नागरिक इस मामले में अफगान और सीरियाई नागरिकों के बाद तीसरे स्थान पर हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है, ‘‘इसके पीछे एक सिद्धांत, भारतीयों के लिए सर्बिया का वीजा मुक्त यात्रा नियम को बताया जा रहा है। गृह कार्यालय के अधिकारियों का मानना है कि इसके जरिये यूरोप में प्रवेश का द्वार खोल दिया गया है।’’
ब्रिटेन में भारतीय छात्रों का प्रतिनिधित्व कर रहे संगठन की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, ‘‘यह सुनना बहुत परेशान करने वाला है और एनआईएसएयू (नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एलुमनी यूनियन) ने ऐसी गतिविधि के बारे में पहली बार सुना है।’’
भाषा सुभाष अमित
अमित
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
ब्रिटेन के महाराजा ने ईस्टर पर अपने संदेश में देश…
10 hours agoचीन की सेना ने अरुणाचल को भारत का हिस्सा मानने…
10 hours agoफलस्तीनी प्राधिकरण ने नए मंत्रिमंडल की घोषणा की
10 hours ago