इजराइली सेना को 30 दिसंबर को लेजरयुक्त वायु रक्षा प्रणाली ‘आयरन बीम’ से लैस किया जाएगा: अधिकारी

इजराइली सेना को 30 दिसंबर को लेजरयुक्त वायु रक्षा प्रणाली ‘आयरन बीम’ से लैस किया जाएगा: अधिकारी

इजराइली सेना को 30 दिसंबर को लेजरयुक्त वायु रक्षा प्रणाली ‘आयरन बीम’ से लैस किया जाएगा: अधिकारी
Modified Date: December 1, 2025 / 07:42 pm IST
Published Date: December 1, 2025 7:42 pm IST

(जिशान हैदर)

तेल अवीव, एक दिसंबर (भाषा) रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यहां घोषणा की कि 30 दिसंबर को इजराइली सेना को लेजरयुक्त वायु रक्षा प्रणाली ‘आयरन बीम’ से लैस किया जाएगा।

इजराइल की वायु रक्षा को और मजबूत किये जाने के लिए सेना को ‘लेजर इंटरसेप्शन सिस्टम’ आधारित ‘आयरन बीम’ सौंपा जा रहा है।

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इजराइल रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान एवं विकास निदेशालय के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) डेनियल गोल्ड ने कहा, ‘‘विकास कार्य पूरा हो चुका है और एक व्यापक परीक्षण कार्यक्रम ने संबद्ध प्रणाली की क्षमताओं को प्रमाणित कर दिया है। इसलिए हम 30 दिसंबर 2025 को यह प्रारंभिक परिचालन क्षमता, इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) को प्रदान करने के लिए तैयार हैं।”

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अगली पीढ़ी की प्रणालियों को पहले से ही उन्नत किया जा रहा है।

‘आयरन बीम’ जमीन पर स्थित उच्च-शक्ति वाली लेजर से युक्त एक वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे रॉकेट, मोर्टार और यूएवी सहित विभिन्न हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया है।

यहां तेल अवीव विश्वविद्यालय में दूसरे अंतरराष्ट्रीय रक्षा प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में इजराइली जनरल ने कहा कि आयरन बीम लेजर प्रणाली से युद्ध के मैदान में लड़ाई के तौर-तरीकों में आमूल-चूल बदलाव आने की उम्मीद है।

इस प्रणाली को विकसित करने में एक दशक से भी अधिक समय लगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हम भविष्य में अंतरिक्ष, आक्रामक और रक्षात्मक संघर्षों के लिए अगली पीढ़ी की तकनीकी को सक्रिय रूप से विकसित कर रहे हैं। इन तकनीक को उचित समय पर क्रियान्वित करेंगे।’’

हाल के युद्ध के दौरान, कम दूरी की सामरिक लेजर प्रणालियां तैनात की गईं और उन्होंने दर्जनों खतरों को सफलतापूर्वक रोका।

तेल अवीव विश्वविद्यालय के ब्लावात्निक साइबर अनुसंधान केंद्र के सहयोग से रक्षा अनुसंधान एवं विकास निदेशालय (डीडीआरएंडडी) के नेतृत्व में आयोजित यह शिखर सम्मेलन हाल के युद्ध से सीखे गए सबक के आलोक में तकनीकी नवाचार पर केंद्रित है।

भाषा संतोष सुरेश

सुरेश


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