जयशंकर ने श्रीलंकाई प्रधानमंत्री अमरसूर्या से मुलाकात की, पुनर्निर्माण में मदद की प्रतिबद्धता दोहराई

जयशंकर ने श्रीलंकाई प्रधानमंत्री अमरसूर्या से मुलाकात की, पुनर्निर्माण में मदद की प्रतिबद्धता दोहराई

जयशंकर ने श्रीलंकाई प्रधानमंत्री अमरसूर्या से मुलाकात की, पुनर्निर्माण में मदद की प्रतिबद्धता दोहराई
Modified Date: December 23, 2025 / 04:01 pm IST
Published Date: December 23, 2025 4:01 pm IST

कोलंबो, 23 दिसंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या से मुलाकात की और चक्रवात ‘दित्वा’ के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता को लेकर आश्वस्त किया।

जयशंकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विशेष दूत के रूप में दो दिवसीय श्रीलंका दौरे पर हैं।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “ आज कोलंबो में श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरसूर्या से मिलकर बहुत अच्छा लगा। मैंने उन्हें चक्रवात ‘दित्वा’ के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए भारत की अटूट प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। भारत द्वारा प्रस्तावित पुनर्निर्माण पैकेज हमारे दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक है।”

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जयशंकर और श्रीलंकाई विदेश मंत्री विजिता हेरात ने उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में 120 फुट लंबे दोहरी लेन वाले बेली ब्रिज का संयुक्त रूप से उद्घाटन भी किया।

जयशंकर ने पोस्ट किया, ‘राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके की उपस्थिति में विदेश मंत्री एच.एम. विजिथा हेरात के साथ संयुक्त रूप से उत्तरी प्रांत के किलिनोच्ची जिले में 120 फुट लंबे दोहरी लेन वाले बेली ब्रिज का उद्घाटन किया गया। यह जिला चक्रवात ‘दित्वा’ से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। 110 टन वजनी इस पुल को भारत से हवाई मार्ग से लाया गया और ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत स्थापित किया गया।’

इससे पहले दिन में, जयशंकर ने राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात की।

जयशंकर ने पोस्ट किया कि उन्होंने उन्हें चक्रवात ‘दित्वा’ के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से दिसानायक को एकजुटता का संदेश दिया।

पोस्ट में कहा गया है, ‘ ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत हमारी सबसे पहले प्रतिक्रिया देने की भूमिका को आगे बढ़ाते हुए, भारत श्रीलंका को 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर के पुनर्निर्माण पैकेज के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत पुनर्वास और सड़क, रेलवे और पुल संपर्क की बहाली, पूरी तरह से नष्ट और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों का निर्माण, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों, खासकर उन क्षेत्रों के लिए सहायता शामिल जिन्हें चक्रवात के कारण नुकसान हुआ है।”

विदेश मंत्री के पोस्ट में लिखा है कि कृषि क्षेत्र में अल्पावधि और मध्यम अवधि में संभावित कमी से निपटने के उपाय करना तथा बेहतर आपदा प्रतिक्रिया और तैयारियों की दिशा में भी काम करना शामिल है।

भाषा नोमान पवनेश

पवनेश


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