मलेशिया ने भी पाकिस्तान के पायलटों पर लगाया बैन, कहा ‘एविएशन मिनिस्टर ने संसद में माना 40% पायलट हैं फर्जी’

मलेशिया ने भी पाकिस्तान के पायलटों पर लगाया बैन, कहा 'एविएशन मिनिस्टर ने संसद में माना 40% पायलट हैं फर्जी'

मलेशिया ने भी पाकिस्तान के पायलटों पर लगाया बैन, कहा ‘एविएशन मिनिस्टर ने संसद में माना 40% पायलट हैं फर्जी’
Modified Date: November 29, 2022 / 07:50 pm IST
Published Date: July 3, 2020 11:38 am IST

पुत्राजाया। मलेशिया ने भी पाकिस्तान के पायलटों पर बैन लगा दिया है। सीएएएम ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस यानी पीआईए के बारे में जो जानकारी सामने आई है, उससे हम चिंतित हैं। इन पायलटों को हम इसी वक्त से बैन कर रहे हैं। सीएएएम के सीईओ कैप्टन चेस्टर वू ने कहा कि हम इस मामले पर नजर रख रहे थे। पाकिस्तान के एविएशन मिनिस्टर गुलाम सरवर खान ने खुद संसद में माना है कि देश के 40% पायलटों के लाइसेंस फर्जी हैं।

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मलेशिया एविएशन अथॉरिटी कहा कि पीआईए के बारे में जो बातें आ रही हैं, उनके बारे में गंभीरता से सोचना जरूरी है। हाल के दिनों में कई देशों ने पीआईए और इसके पायलट्स पर बैन लगाया है। हम भी फौरन इनकी उड़ानों पर रोक लगा रहे हैं। हम अपने स्तर पर भी कुछ पायलटों के लाइसेंस की जांच करेंगे। कुवैत, ईरान, जॉर्डन, यूएई जैसे देश पहले ही पीआईए और पाकिस्तानी पायलटों को बैन कर चुके हैं। इसके बाद वियतनाम और ब्रिटेन ने भी यही फैसला किया।

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22 मई को कराची में पीआईए का प्लेन क्रैश हुआ। 25 जून को इसकी जांच रिपोर्ट संसद में पेश हुई। एविएशन मिनिस्टर ने बताया कि हादसा पायलट्स की गलती से हुआ। वो कोरोना पर चर्चा में मशगूल थे। पीआईए में 860 पायलट हैं। 262 के लाइसेंस फर्जी होने का शक है। इनके उड़ान भरने पर रोक लगा दी गई है। पाकिस्तान के 107 पायलट्स फॉरेन एयरलाइंस कंपनियों में काम करते हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com