माले, 11 अगस्त (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मालदीव की महत्वपूर्ण यात्रा रविवार को पूरी हुई। इससे पहले उन्होंने मालदीव के शीर्ष नेताओं को आश्वस्त किया कि मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता व समृद्धि बरकरार रखने के लिए भारत का महत्वपूर्ण भागीदार बना रहेगा।
जयशंकर तीन दिन की मालदीव यात्रा पर थे। यह चीन समर्थक माने जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू के पिछले साल नवंबर में मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद भारत की तरफ से पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी।
मालदीव की नयी सरकार के रुख के कारण भारत के साथ इसके संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।
यात्रा के दौरान जयशंकर ने मुइज्जू से मुलाकात की और मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने मालदीव के रक्षा मंत्री गासन मौमून के अलावा वित्त मंत्री, आर्थिक विकास एवं व्यापार मंत्री और मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के गवर्नर से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि जयशंकर की यात्रा मालदीव के महत्व को रेखांकित करती है, जो ‘पड़ोसी पहले’ की नीति और क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास (सागर) के भारत के दृष्टिकोण के लिहाज से एक प्रमुख भागीदार है।
मंत्रालय ने कहा, ‘मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बना हुआ है। इस यात्रा ने दोनों देशों के बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने और लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की पहले से चली आ रही प्रतिबद्धता की पुष्टि की।’
राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ अपनी बैठक के दौरान जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने मालदीव को भारत की ओर से दी जा रही निरंतर विकास सहायता की सराहना की और भारत-मालदीव संबंधों को और मजबूत बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।
राष्ट्रपति कार्यालय में जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री जमीर ने राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू की उपस्थिति में भारत से ऋण सहायता वाली परियोजना का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। यह मालदीव के 28 द्वीपों में जल एवं सीवरेज नेटवर्क की परियोजना है। जयशंकर ने अपने समकक्ष जमीर के साथ चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा की।
जयशंकर ने माले में भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ भी बातचीत की और भारत-मालदीव संबंधों में उनके योगदान की सराहना की।
भाषा जोहेब अमित
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