Russia-Ukraine War: रूसी सेना से लोहा लेने देश में ही रुके पुरुष, महिलाओं-बच्चों ने पड़ोसी देशों में ली शरण
रूसी सैनिकों से लोहा लेने के लिए यूक्रेन में ही रुक गए हैं। Men, women and children stay in neighbouring countries to take iron from Russian army in Ukraine
Russia-Ukraine War updates Hindi : बुडापेस्ट। रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद पूर्वी हंगरी के एक गांव के स्कूल के मैदान में इकट्ठा हुए सैकड़ों शरणार्थियों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे ही हैं, जिनके पति, पिता, भाई और बेटे अपने देश की रक्षा करने और रूसी सैनिकों से लोहा लेने के लिए यूक्रेन में ही रुक गए हैं।
यूक्रेन की राजधानी कीव की निवासी ओल्गा स्क्लीयारोवा (34) ने कहा, ‘‘ मेरे भाई अभी युद्ध लड़ रहे हैं। पुरुषों को सीमा पार करने की इजाज़त नहीं है, इसलिए वे हमें सीमा तक छोड़कर युद्ध लड़ने के लिए वापस कीव लौट गए।’’
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संयुक्त राष्ट्र की शारणार्थी मामलों संबंधी एजेंसी के अनुसार, रूसी आक्रमण के बाद से यूक्रेन से लोगों का पलायन यूरोपीय संघ के पूर्वी देशों में तेजी से बढ़ रहा है। अभी तक 675,000 से अधिक लोग पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं और यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त की प्रवक्ता शाबिया मंटो ने मंगलवार को बताया कि ऐसे ही लोग पलायन करते रहे तो, यह इस सदी का यूरोप का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट बन सकता है।
यूक्रेन की सरकार ने एक आदेश में 18 से 60 वर्ष की आयु के पुरुषों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है, ताकि वे सेना की मदद कर पाएं। इसलिए कई महिलाओं और बच्चों को अपनी सुरक्षा का जिम्मा खुद उठाना पड़ रहा है।
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पश्चिमी यूक्रेनी शहर कलुश की एक अकाउंटेंट इरिना यरिमचुक ने बताया कि उन्हें हंगरी के तिजाबेक्स गांव पहुंचने के लिए पांच घंटे का सफर तय करना पड़ा। वह अपने 14 वर्षीय बेटे और एक साल की बेटी के साथ मंगलवार सुबह यहां पहुंची थी।
नम आंखों से उन्होंने बताया कि उनका भाई यूक्रेन की सेना में शामिल हो गया है और उन्हें उनकी बेहद चिंता हो रही है। उन्होंने अपने भाई को एक भावुक संदेश देते हुए कहा, ‘‘ मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। हिम्मत बनाए रखना। हम यह लड़ाई जीतेंगे और जल्द मिलेंगे।’’ वहीं, पोलैंड में भी बड़ी संख्या में यूक्रेन की महिलाएं अपने बच्चों के साथ शरण ले रही हैं, क्योंकि रूस के बढ़ते आक्रमण के बीच बच्चों के लिए यूक्रेन में रहना अब बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने मंगलवार को यूरोपीय संसद को बताया था कि रूसी हमले में अभी तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है।
अपनी दो बेटियों और नाती-नातिन के साथ मंगलवार को तड़के कार से पोलैंड के मेड्यका शहर पहुंची ओक्साना सेरेडुकी ने बताया कि उनकी बेटी अपने 16 महीने के बच्चे को गोद में बैठाकर गाड़ी चला रही थी। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे बच्चों की ज्यादा चिंता थी। ’’
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पश्चिमी यूक्रेन के खुस्त की रहने वाली इवान मुर्शा ने चेक गणराज्य के ग्रनो में शरण ली है। उन्होंने न केवल सात घंटे के सफर अपनी गाड़ी से तय किया बल्कि दूसरों को भी अपने साथ चलने की पेशकश की। उन्होंने कहा ‘‘हम सभी यूक्रेन वासी हैं, हमें एकजुट रहना है और एक दूसरे की मदद करना है।’’
मुर्शा की गाड़ी में ब्रनो के लिए रवाना हुई स्क्लीरोवा ने कहा ‘‘मेरे एक रिश्तेदार के 15 साल के बेटे को रूसी सैनिकों ने सोमवार को कीव के बाहर ब्रोवरी में कार में जाते समय गोली मार दी। वह घायल हो गया लेकिन बच गया है।’’
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यह पूछे जाने पर कि वह कीव के बारे में क्या सोचती हैं, उन्होंने कहा ‘‘सब कुछ बर्बाद हो गया। पुतिन को रोकने के लिए कुछ तो करना चाहिए। कम से कम दुनिया में कोई तो ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो उसका (पुतिन का) पागलपन रोक सके। ’’

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