Muslim woman Fighting against radical thinking government sentenced

मुस्लिम महिलाओं के हक और अधिकारों के लिए लड़ना पड़ा भारी, यहां के सरकार ने सुनाई 34 साल की सजा

मुस्लिम महिलाओं के हक और अधिकारों के लिए लड़ना पड़ा भारी, यहां के सरकार : Muslim woman Fighting against radical thinking government were sentenced 34 years

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:48 PM IST, Published Date : August 18, 2022/5:07 pm IST

नई दिल्ली । महिलाओं के हक और अधिकारियों के लिए लड़ना एक महिला को भारी पड़ गया। सरकार ने महिला के आधुनिक सोच पर प्रहार करते हुए उसे 34 साल की सजा सुना दी। महिला कि आयु 34 साल बताई जा रही हैं और वो दो बच्चों की मां हैं।

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यह पूरा मामला सउदी अरब का हैं जहां सलमा अल शहाब को ट्वीटर में मुस्लिम देश कि सुन्नी महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ना और ट्वीट करना महंगा पड़ गया। सलमा के ट्वीट कई मुस्लिम देशों के कटरपंथी सोच पर तगड़ा घात करने का काम करती थी। सलमा कई एक्टविस्ट को फॉलो करती थी और ज्यादातर महिलाओं अधिकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर रीट्वीट करती थीं। इन्हीं सब कारणों से सलमा अपने देश की गुनहगार बन गई और उन्हें अपराधी घोषित कर दिया गया।

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साल 2021 में जब सलमा छुट्टी मनाने सउदी अरब गई थी और उसे वहीं से गिरफ्तार कर लिया गया। प्रारंभ में उसे 6 साल की सजा सुनाई गई।9 अगस्त को दोबार सलमा के बारें में चर्चा कि गई और उसे 34 साल की सजा दी गई है।

 
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