देश के प्रतीकों पर हमला करने वाले अराजकतावादियों से बातचीत नहीं: शरीफ |

देश के प्रतीकों पर हमला करने वाले अराजकतावादियों से बातचीत नहीं: शरीफ

देश के प्रतीकों पर हमला करने वाले अराजकतावादियों से बातचीत नहीं: शरीफ

:   Modified Date:  May 30, 2023 / 09:10 PM IST, Published Date : May 30, 2023/9:10 pm IST

इस्लामाबाद, 30 मई (भाषा) पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को संकेत दिया कि उनकी सरकार इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के साथ बातचीत करने को तैयार नहीं है।

शरीफ ने कहा कि नेताओं का चोला ओढ़े ‘‘अराजकतावादी’’ जो देश के प्रतीकों पर हमला करते हैं वे बातचीत किये जाने के योग्य नहीं हैं।

खान (70) ने कहा है कि ‘जो भी सत्ता में है’ वह उससे बातचीत करने के लिए तैयार हैं। खान का बयान ऐसे समय आया है जब उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं ने 9 मई के दंगों के बाद पार्टी छोड़ना शुरू कर दिया है, जिसमें संवेदनशील सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया था।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष खान ने आम चुनाव की तारीख पर आम सहमति बनाने के वास्ते सरकार के साथ बातचीत करने के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया है। खान ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब उनकी गिरफ्तारी के बाद नौ मई को हुई हिंसा के लिए उनकी पार्टी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

प्रधानमंत्री शरीफ ने एक ट्वीट में स्वीकार किया कि राजनीतिक प्रक्रिया में संवाद गहराई से अंतर्निहित है, जो लोकतंत्र को परिपक्व बनाने और विकसित करने में मदद करता है।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के अध्यक्ष शरीफ ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘कई राजनीतिक और संवैधानिक सफलताएं मिलीं, जब नेता आम सहमति बनाने के लिए बातचीत की मेज पर बैठे।’’

हालांकि उन्होंने कहा कि जब खान के नेतृत्व वाली पार्टी की बात आती है तो एक बड़ा अंतर है। उन्होंने कहा, ‘अराजकतावादी और आगजनी करने वाले, जो नेताओं का वेश धारण करते हैं और देश के प्रतीकों पर हमला करते हैं, बातचीत के योग्य नहीं हैं। बल्कि उन्हें उनके आतंकी कृत्यों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।’’

‘जियो न्यूज’ ने बताया कि संघीय सूचना और प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने भी पीटीआई प्रमुख की बातचीत की पेशकश को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘उन लोगों के साथ बातचीत नहीं की जा सकती है जो देश में आग लगाते हैं, अराजकता उत्पन्न करते हैं, जनता के मन में नफरत भरते हैं और सशस्त्र समूहों को आश्रय देते हैं।’

उन्होंने कहा कि खान बातचीत के लिए अपील नहीं कर रहे, वह वास्तव में एक राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) की मांग कर रहे हैं।

एनआरओ 2007 में पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा जारी एक विवादास्पद अध्यादेश था, जो भ्रष्टाचार, धनशोधन और हत्या के आरोपी नेताओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नौकरशाहों को माफी देने के लिए जारी किया गया था।

सूचना मंत्री ने कहा कि ‘युवाओं के दिमाग में जहर घोलने वालों’, ‘अपराधियों और आतंकवादियों के नेताओं’ के साथ बातचीत नहीं की जा सकती।

भाषा अमित वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)